बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्यव्यापी हड़ताल में शामिल होने के बाद बर्खास्त की गई 18,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाओं को बहाल किया जाएगा। कुमार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और अनुरोध किया कि सरकार 'सेविकाओं' और 'सहायिकाओं' को दिए जाने वाले मानदेय को बढ़ाने पर विचार करे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि उनकी सरकार समय-समय पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाती रही है और "आपके अनुरोध को देखते हुए इसमें जल्द ही उचित बढ़ोतरी की जाएगी।
बिहार में चल रहा था विरोध प्रदर्शन
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यालय के बाहर भारी संख्या में आंगनवाड़ी सेविकाओ ने विरोध प्रदर्शन किया था। कई बार पुलिस को भीड़ के तितर बितर करने के लिए पानी की बौछारें भी करनी पड़ी। इस बाबत बीते दिनों पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुबह वीरचंद पटेल पथ पर राजद मुख्यालय के बाहर एकत्र हुईं। उन्होंने यातायात अवरुद्ध कर दिया। वीरचंद पटेल पथ विरोध-प्रदर्शन के लिए अधिसूचित स्थल नहीं है.हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने राजद कार्यालय के बाहर की सड़क खाली करने से इनकार कर दिया। अंततः पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की।’’
आंगनवाड़ी सेविकाओं की हुई बहाली
उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन में कोई घायल नहीं हुआ। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए वहां पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। आंगनवाड़ी सेविकाएं अपने वजीफे और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांगों को लेकर पिछले तीन दिन से राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। आंगनवाड़ी सेविकाएं मंगलवार को भी बिहार विधानसभा के पास जमा हो गई थीं और विधानसभा परिसर में घुसने का प्रयास किया था। पुलिस ने मंगलवार को भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की थी। हालांकि अब राज्यव्यापी हड़ताल को खत्म कर दिया गया है और बर्खास्त की गई 18000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दोबारा बहाल किया जाएगा।
(इनपुट-भाषा)