पटना: बिहार के भागलपुर में स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं ने शनिवार दोपहर को हॉस्टल सुपरिटेंडेंट द्वारा कैंपस के अंदर बुर्का पहनने का निर्देश दिए जाने के बाद जमकर हंगामा किया। आदेश से छात्राएं इस हद तक गुस्सा हो गई थीं कि उन्होंने हॉस्टल के गेट पर पथराव कर दिया। छात्राओं का आरोप था कि हॉस्टल सुपरिटेंडेंट छात्राओं को गाली देती हैं और उनके माता-पिता को गलत जानकारियां भी देती हैं। छात्राओं ने कहा कि वह स्कूटी रखने वाली छात्राओं को भी डांटती-फटकारती हैं।
‘माता-पिता को देती हैं गलत जानकारी’
छात्राओं ने हॉस्टल सुपरिटेंडेंट पर आरोप लगाया कि सुपरिटेंडेंट छात्रावास में तालिबान का शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रही हैं। एक छात्रा दरक्शा अनवर ने कहा, ‘जब भी हम पतलून पहनती हैं, सुपरिटेंडेंट छात्राओं को गाली देती हैं। वह हमारे माता-पिता को भी गलत जानकारी देती हैं कि हम लड़कों से बात करते हैं।’ एक रिसर्च स्कॉलर नेदा फातिमा ने कहा, ‘बिहार में गर्मी के मौसम में गर्म और ह्यूमिड कंडीशन में बुर्का पहनना आसान नहीं है, इसलिए हम कभी-कभी कैंपस के अंदर पतलून और टी-शर्ट पहनती हैं। जब भी वह पतलून में किसी छात्रा को देखती हैं या स्कूटी रखने वाली छात्राओं से बात करती हैं तो डांटने-फटकारने लगती हैं।’
‘जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंचा मामला’
घटना की सूचना मिलने पर नाथ नगर की अंचल अधिकारी स्मिता झा पुलिस टीम के साथ गर्ल्स हॉस्टल पहुंचीं और मामले को सुलझा लिया। हॉस्टल सुपरिटेंडेंट ने छात्राओं द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला जिला शिक्षा अधिकारी तक भी पहुंच चुका है। नाथ नगर की अंचल अधिकारी स्मिता झा ने कहा, ‘हमने छात्राओं और सुपरिटेंडेंट के बयान ले लिए हैं। फिलहाल जांच चल रही है। हम जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपेंगे।’