पटना : एक वक्त था जब बिहार का नाम सुनते ही जंगल राज की तस्वीरें जहन में उभरती थीं। लेकिन समय बीतने के साथ ही बिहार की तस्वीर तेजी से बदली है। गंगा विलास क्रूज से बिहार की राजधानी पटना पहुंचे विदेशी पर्यटकों ने बिहार के लोगों की तारीफ करते हुए उन्हें बहुत मिलनसार बताया है।पर्यटकों ने कर्मचारियों के आतिथ्य, परोसे गए भोजन की गुणवत्ता और उन्हें बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराने की व्यवस्था की प्रशंसा की। गंगा विलास क्रूज को पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसे दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज माना जा रहा है जिसे वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक की अपनी यात्रा पूरी करने में 51 दिन लगेंगे। यह क्रूज सोमवार शाम 4.45 बजे पटना पहुंचा था।
पटना के पर्यटन स्थलों का भ्रमण
क्रूज के यात्रियों ने 17 जनवरी को पटना साहिब गुरुद्वारा सहित शहर में पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया। पर्यटकों के यहां पहुंचने पर फूल देकर, शाल ओढ़ाकर और तिलक लगाकर उनका भव्य स्वागत किया गया। बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव, पटना की मेयर सीता साहू और गुरुद्वारा समिति के सदस्यों द्वारा आगंतुकों का स्वागत किया गया। यात्रियों को गुरुद्वारा समिति के सदस्यों द्वारा गुरुद्वारा परिसर के अंदर ले जाया गया और पटना साहिब के इतिहास पर आधारित पुस्तकें उन्हें उपहार में दी गईं।
एक शानदार अनुभव
जर्मनी की एक यात्री स्टेफ़नी ने कहा, ‘यहां के लोग बहुत मिलनसार हैं और यह हमारे लिए एक शानदार अनुभव रहा।’ पर्यटकों को गुरुद्वारा से गोलघर ले जाया गया। पर्यटक इस ऐतिहासिक संरचना के बारे में जानने के लिए उत्सुक थे। 1770 के अकाल के बाद, 1786 में ब्रिटिश सेना के कैप्टन जॉन गारस्टिन द्वारा एक विशाल अनाजघर गोलघर का निर्माण किया गया था। इस स्मारक के चारों ओर घुमावदार सीढ़ी शहर और पास में बहने वाली गंगा नदी का एक शानदार दृश्य प्रदान करती है। गोलघर के चारों ओर बनी सीढ़ी से कोई भी इसके शीर्ष तक चढ़ सकता है। आगंतुकों को बिहार संग्रहालय भी ले जाया गया, जहां उन्होंने राज्य की संस्कृति दर्शाने वाली एक प्रस्तुति देखी।
संस्कृति और आतिथ्य हमें हमेशा याद रहेगा
स्विट्जरलैंड के एक पर्यटक पीटर ने कहा, “बाहर घूमना बहुत दिलचस्प रहा और यह जहाज पर यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों के लिए एक विशेष अनुभव था। शहर की संस्कृति और आतिथ्य हमें हमेशा याद रहेगा।’’ स्विट्जरलैंड की एक अन्य यात्री ने कहा कि क्रूज शानदार और आरामदायक है। अपने पति के साथ यात्रा कर रही इस यात्री ने कहा कि क्रूज के चालक दल बहुत मददगार और सज्जन हैं। भारतीय भोजन, मसालेदार होने के बावजूद बहुत स्वादिष्ट हैं।’’ स्टेफ़नी ने कहा, "परोसा गया भोजन शाकाहारी है और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।’’ पर्यटकों ने कहा कि कूज पर उन्हें केवल शाकाहारी भोजन परोसा गया और जहाज पर कोई शराब नहीं दी गई।
51 दिनों में 3,200 किलोमीटर की यात्रा
एमवी गंगा विलास क्रूज 51 दिनों में 3,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा। यह क्रूज भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश से होकर गुजरेगा तथा इस क्रूज की यात्रा पर प्रति यात्री 50-55 लाख रुपये खर्च होंगे। पटना में पहुंचने से पहले यह क्रूज सारण जिले में रुका था, जहां यात्रियों ने चिरंद पुरातत्व स्थल का भ्रमण किया था। एमवी गंगा विलास भारत में बनाया गया पहला क्रूज पोत है। इस क्रूज में सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ 36 पर्यटकों के लिए जगह बनायी गई है। क्रूज की लंबाई 62 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर है और इसमें चालक दल के 39 सदस्य हैं तथा इसके कप्तान महादेव नाइक हैं जिनके पास 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है।