सीएम नीतीश कुमार के खास पूर्व IAS अधिकारी ने थामा जेडीयू का दामन, संजय झा ने दिलाई सदस्यता
सीएम नीतीश कुमार के खास पूर्व IAS अधिकारी ने थामा जेडीयू का दामन, संजय झा ने दिलाई सदस्यता
पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने पटना में जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। मनीष सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले के रहने वाले हैं और दो साल पहले ही वीआरएस ले लिया था।
पटना: आरसीपी सिंह के बाद बिहार के एक और रिटायर्ड IAS अधिकारी की मंगलवार को बिहार की राजनीति में एंट्री हो गयी। ये आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा हैं। मनीष वर्मा न सिर्फ नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के हैं, बल्कि नीतीश कुमार के स्वजातीय होने के साथ-साथ उनके बेहद करीबी भी हैं। मनीष कुमार वर्मा VRS लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अतिरिक्त परामर्शी के तौर पर पिछले कई सालों से काम कर रहे थे।
सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं मनीष
दरअसल पिछले कुछ सालों से मनीष वर्मा नीतीश कुमार के साथ हर वक्त मौजूद रहते थे। कई बार इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा होती रही है। मनीष 2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी थे। वह बिहार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। मनीष वर्मा की पहचान तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में की जाती थी। IAS बनने के बाद सबसे पहले कालाहांडी के सब कलेक्टर के तौर पर इन्होने योगदान दिया था।
बिहार में भी मनीष वर्मा ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। 12 सालों साल तक उड़ीसा में काम करने के बाद 2012 में आईएएस मनीष वर्मा इंटर स्टेट प्रतिनियुक्ति पर 5 साल के लिए बिहार आ गए। इन्हें पूर्णिया और पटना का डीएम भी बनाया गया था। मनीष वर्मा ने जब 5 साल की प्रतिनियुक्ति पूरी कर ली तो तो इन्हें एक साल के लिए और बिहार में ही डेप्यूट किया गया लेकिन, जब बिहार से वापस ओडिशा जाने की बात हुई तो मनीष वर्मा ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया और नौकरी छोड़ दी।
मनीष वर्मा ने की सीएम नीतीश की जमकर तारीफ
पूर्व नौकरशाह का पार्टी में स्वागत करते हुए संजय झा ने कहा, "हमारी पार्टी बिहार से बाहर अपने आधार का विस्तार करने के बारे में गंभीरता से सोच रही है। हमें यकीन है कि वर्मा का समृद्ध प्रशासनिक अनुभव जदयू के लिए बहुत काम आएगा। इस अवसर पर सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ताल्लुक रखने वाले वर्मा ने अपने संरक्षक की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री "असाधारण व्यक्तित्व", "सच्चे समाजवाद" के प्रतीक और वादों को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं, जो "राजनेताओं में दुर्लभ है"।
आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे मनीष वर्मा को आईएएस में शामिल होने पर ओडिशा कैडर सौंपा गया था और वहां 12 साल तक सेवा देने के बाद, उन्होंने पिता के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति की मांग की थी। वर्मा ने कहा कि मैं नीतीश कुमार का आभारी हूं कि मेरी प्रतिनियुक्ति पर उन्होंने मुझे महत्वपूर्ण कार्यभार दिया। मैंने पटना के जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया और राज्य की बिजली कंपनियों का नेतृत्व किया।
(भाषा इनपुट के साथ)
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