पटना/नई दिल्ली: बिहार को मानसून के कहर से अगस्त में राहत जरूर मिली मगर बाढ़ के हालात से निजात नहीं मिली है। प्रदेश के कई जिले अभी भी बाढ़ से बेहाल हैं। प्रदेश के करीब 20 जिलों में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है। भारी-बारिश और बाढ़ से बिहार में करीब 33 फीसदी फसल को नुकसान का अनुमान है। बिहार में बीते सप्ताह तक 32.59 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी जबकि प्रदेश के किसानों ने मक्के की बुवाई 3.92 लाख हेक्टेयर में की है। ये आधिकारिक आंकड़े प्रदेश के कृषि विभाग से मिले हैं। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में चालू खरीफ सीजन में 92,000 हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है जबकि तिलहनों की बुवाई 80,000 हेक्टेयर में हुई है।
विभागीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में बाढ़ और अत्यधिक बारिश के चलते करीब 33 फीसदी खरीफ फसलों का नुकसान होने का अनुमान है।
बिहार के मधेपुरा जिला के प्रबुद्ध किसान प्रणव कुमार भ्रमर ने कहा कि मानूसन इस बार सीजन के आरंभ से ही मेहरबान रहा, जिससे शुरुआत में धान की रोपाई में काफी मदद मिली, लेकिन बाद में लगातार भारी बारिश और बाढ़ के हालात हालात पैदा होने से कई इलाकों में फसल का नुकसान हुआ है।
बिहार में इस साल जून में औसत से 82 फीसदी अधिक ज्यादा बारिश हुई, जबकि जुलाई में औसत से 72 फीसदी अधिक बारिश हुई, हालांकि अगस्त में बीते सप्ताह तक औसत से नौ फीसदी कम बारिश हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से लेकर 25 अगस्त तक बिहार में औसत से 23 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश के करीब 16 जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त को देश में जिन 26 स्टेशनों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर थी उनमें से 15 स्टेशन बिहार के हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में पांच, झारखंड में दो और एक-एक स्टेशन असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हैं। वहीं, सामान्य से ज्यादा खराब बाढ़ की स्थिति वाले 17 स्टेशनों में भी सात बिहार के ही हैं। वहीं, अन्य में सात असम और तीन उत्तर प्रदेश के हैं।
बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सीवान, शिवहर, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पुर्णिया समेत करीब 20 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जहां फसलों को भी नुकसान हुआ है।