पटना: बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। कुछ क्षेत्रों में भले ही बाढ़ का पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी बाढ़ग्रस्त कई इलाके ऐसे हैं जहां खेत बाढ़ के पानी से लबालब भरे हुए हैं। राज्य के 16 जिलों की 81.56 लाख आबादी प्रभावित होने के साथ ही इससे 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक के 16 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले के 130 प्रखंडों के 1311 पंचायतों की 81,56,127 आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 653 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है जहां 5,30,290 लोगों को भोजन कराया गया है। दरभंगा जिला में सबसे अधिक 15 प्रखंडों के 227 पंचायतों की 20,61,700 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बिहार के बाढ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 33 टीमों की तैनाती की गयी है।
बिहार के इन जिलों में बाढ़ का कारण अधवारा समूह नदी, लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोशी, गंगा, कमला बलान, करेह एवं धौंस नदी के जलस्तर का बढना है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक नदी समस्तीपुर एवं खगडिया में, गंगा नदी पटना में, पुनपुन नदी पटना में, खिरोई दरभंगा में और घाघरा नदी सिवान में सोमवार को खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बिहार में बाढ़ से अब तक दरभंगा जिले में सबसे अधिक ग्यारह लोगों, मुजफ्फरपुर में छह, पश्चिम चंपारण में चार तथा सारण एवं सिवान में दो—दो व्यक्ति की मौत हो चुकी है।