पटना: बिहार में एनडीए की नई सरकार की नई कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को संपन्न हुई। कैबिनेट की बैठक शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सीएम नीतीश के ऑफिस पहुंचे और उनसे बात की। बता दें कि राजनीतिक हलचल के बाद महागठबंधन छोड़कर एनडीए गठबंघन में शामिल हुए और नौवीं बार सीएम पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने पहली कैबिनेट बैठक बुलाई थी। बैठक में सीएम नीतीश के अलावा दो डिप्टी सीएम और 6 मंत्री भी शामिल हुए और बैठक में कुल चार एजेंडों पर मुहर लगी। इनमें संसदीय कार्य से दो और वित्त विभाग के दो एजेंडे थे। बैठक में फैसला लिया गया कि सदन की कार्यवाही बुलाने के लिए नीतीश अधिकृत हैं। बजट सत्र 5 फरवरी से आगे बढ़ाया गया, बिहार के महाधिवक्ता नियुक्ति का फैसला सीएम लेंगे।
सीएम नीतीश कुमार ने कही ये बात
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों को निर्देश दिया कि 40 में 40 सीट कैसे जीती जाए, इसकी तैयारी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर शुरू कर दें और विकास कार्यों पर नजर रखें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर सांसदों से कहा है कि राज्य के मंत्री केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर जनता के बीच जाएं।
दोनों डिप्टी सीएम ने दिया ये संदेश
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "पिछले 48 घंटों में आप सभी ने बिहार की राजनीतिक स्थिति देखी है। जेडीयू ने हमें अपना (बीजेपी का) समर्थन देने की पेशकश की और हमने अपना समर्थन दिया। स्थिति यह है कि राजनीतिक संकट बिहार में पैदा हुआ था, हम सबने देखा। जेडीयू को तोड़ने की कोशिश की जा रही थी। जेडीयू-बीजेपी-एचएएम और अन्य दलों का गठबंधन राज्य के विकास के रास्ते पर काम करेगा..."
बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, ''आज बिहार में जो बड़े बदलाव हुए हैं, वह पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के विजन के तहत हुए हैं... मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, अब समय आ गया है लोगों की सेवा करने का।'' उन्होंने कहा, अब बिहार में डबल इंजन की सरकार है और इस सरकार के तहत विकास की गति तेज होगी। यह अवसर पूरी तरह से सेवा के लिए है। उद्देश्य (इस अवसर का) स्वयं लाभ लेने की मानसिकता को समाप्त करना और एक ऐसा वातावरण बनाना है जो बिहार में एक रचनात्मक और विकासात्मक हो।”