Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिहार
  3. बिहार के मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

बिहार के मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

बिहार के मुंगेर जिले में गत 26 अक्टूबर की रात्रि में देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन के दौरान श्रद्धालुओं पर ‘अवांछित और अनधिकृत लाठीचार्ज’ करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 01, 2020 19:42 IST
Durga Idol Immersion, Durga Idol FIR, Munger FIR, Munger Lathi Charge FIR- India TV Hindi
Image Source : PTI घटना के आक्रोश में स्थानीय लोगों ने मुंगेर में 29 अक्टूबर को किला क्षेत्र स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पथराव किया था।

मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में गत 26 अक्टूबर की रात्रि में देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन के दौरान श्रद्धालुओं पर ‘अवांछित और अनधिकृत लाठीचार्ज’ करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मूर्ति विसर्जन में शामिल श्रद्धालुओं पर पुलिसकर्मियों द्वारा लाठीजार्च करने से जुडा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके आधार पर कोतवाली थाने में उक्त प्राथमिकी दर्ज की गयी है। मुंगेर के पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, ‘लोगों पर अनधिकृत और अवांछित लाठीचार्ज में शामिल उन सुरक्षा कर्मियों की वीडियो फुटेज के आधार पर उनकी पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

गोलीबारी में हुई थी एक युवक की मौत

धार्मिक जुलूस पर पुलिस की कार्रवाई के दौरान गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे। चुनाव आयोग ने 29 अक्टूबर को मगध प्रमंडल के आयुक्त असंगबा चुबा AO को पूरी घटना की जांच करने का आदेश दिया था। आयोग के आदेश पर तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उनकी जगह सहकारिता विभाग की सहयोग समितियों में निबंधक के पद पर कार्यरत रचना पाटिल को मुंगेर के जिलाधिकारी के पद पर तथा लिपी सिंह की जगह मानवजीत सिंह ढिल्लो की मुंगेर के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाती की गयी थी।

20 जवान भी हुए थे घायल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 20 साल के एक युवक की मौत हुई। इस बारे में मुंगेर के तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा था कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने कहा था, ‘कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए। भीड़ की तरफ से गोलीबारी भी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई।’ घटना के एक कथित वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठीचार्ज करते दिखाया गया था।

बांस से बने वाहक के टूट जाने से दिक्कत
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाली तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें इस घटना में कथित तौर पर पुलिस गोलीबारी में मारे गए व्यक्ति को उसकी खोपड़ी के खुले हिस्से के साथ जमीन पर पड़ा दिखाया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के लिए जाने के दौरान मूर्ति को ले जाने के बांस से बने वाहक के टूट जाने के बाद दिक्कत शुरू हो गई थी और इसे ठीक करने में समय लग रहा था। मूर्ति को ले जाने वाले वाहक की मरम्मत में हुई देरी के कारण अन्य मूर्ति जुलूस रास्ते में फंसे हुए थे। प्रशासन चाहता था कि जुलूस जल्दी से जल्दी निकले क्योंकि सुरक्षाकर्मियों को बुधवार को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाना था।

जान बचाने के लिए भागे थे पुलिसवाले
इस घटना के आक्रोश में स्थानीय लोगों ने मुंगेर में 29 अक्टूबर को किला क्षेत्र स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पथराव करने के साथ और एक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया था। किला क्षेत्र में ही स्थित अनुमंडल अधिकारी के गोपनीय शाखा में तोड़फोड़, मुफस्सिल थाना, महिला थाना, वासुदेवपुर एवं पूरबसराय पुलिस चौकी में तोड़फोड़ एवं आगजनी की। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अपनी तुलना में उपद्रवियों के भारी संख्या को देखते हुए इन सभी पुलिस थानों के कर्मी अपनी जान बचाने के लिए परिसर से फरार हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने कोतवाली और कासिम बजार थाने को भी आग के हवाले करने की कोशिश की, लेकिन वहां उन्हें पुलिसकर्मियों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा जिन्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में फायरिंग भी की गई थी।

उपद्रवियों के खिलाफ भी 5 FIR दर्ज
उपद्रवियों ने मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान कथित रूप से गोलीबारी करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुंगेर शहर में राजीव चौक के पास टायर भी जलाए थे। उपद्रवियों के खिलाफ कुल 5 FIR विभिन्न थानों में दर्ज की गई है। पुलिस विभाग ने 26 अक्टूबर को गोलीबारी और लाठीचार्ज की घटनाओं के संबंध में मुफस्सिल थाने और बासुदेवपुर चौकी के प्रभारियों को हटाने का आदेश दिया था। विपक्षी दलों के लिपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच मंगलवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि चुनाव आयोग को घटना का संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।

आरजेडी ने कहा था ‘जलियांवाला बाग’
आरजेडी के नेतृत्व वाले बिहार के विपक्षी महागठबंधन ने पुलिस की इस कार्रवाई को जलियांवाला बाग की घटना की संज्ञा दी थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस घटना को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद कहा था, ‘यह BJP-JDU की सरकार थी जिसने देवी दुर्गा के भक्तों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी का आदेश दिया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए।’ कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया था कि CISF के वायरल हुए इमेल संदेश में मुंगेर में गोलीबारी का सहारा लिये जाने की बात कही गई थी।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement