नई दिल्ली: बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश हो या फिर उत्तर प्रदेश, हर जगह एक जैसा हाल है। बिहार में तो अजीब हालात है। यहां प्राइवेट डॉक्टर्स के साथ साथ सरकारी हॉस्पिटल्स के डॉक्टर भी गायब है। बिहार सरकार वहां के सरकारी डॉक्टरों को भी खोज रही है।
बिहार में फिलहाल कोरोना के 547 केस आ चुके हैं लेकिन अब दूसरे राज्यों से मजदूर बिहार लौट रहे हैं। इसलिए कोरोना का खतरा भी बढ़ गया है। लेकिन बिहार में सिर्फ सरकारी अस्पतालों का ही भरोसा है क्योंकि प्राइवेट डॉक्टर काम नहीं कर रहे हैं। बिहार सराकर ने बीस अप्रैल को ही आदेश जारी करके प्राइवेट डॉक्टर्स को नर्सिंग होम और क्लीनिक खोलने को कहा था क्योंकि बिहार के ज्यादातर प्राइवेट डॉक्टर्स ने 22 मार्च से काम करना बंद कर दिया था। बिहार में सरकारी हॉस्पिटल्स में 22 हजार बेड हैं जबकि राज्य के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 48 हजार बेड हैं, और चूंकि ज्यादातर हॉस्पिटल्स बंद हैं इसलिए सारा बोझ सरकारी हॉस्पिटल्स पर है। बिहार के हैल्थ डिपार्टमेंट के प्रिसीपल सेक्रेट्री सचिव संजय कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा था कि कोरोना तो छोडिए बिहार के 90 परशेंट प्राइवेट डॉक्टर्स सामान्य रोगों वाले मरीजों को नहीं देख रहे हैं। बिहार में 90 परशेंट प्राइवेट OPD भी बंद हैं।
इंडिया टीवी संवाददाता नीतीश चंद्रा ने जब IMA के वाइस प्रेसीडेंट डॉ सुनील कुमार से बात की तो उनका था कि कोरोना के डर से सामान्य बीमारियों वाले मरीज घर से नहीं निकलते इसलिए कुछ मरीजों के चक्कर में कोरोना का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता।अगर प्राइवेट नर्सिंग होम और हॉस्पिटल खुल भी जाएं तो स्टॉफ के आने जाने का इंतजाम कौन करेगा? पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है।अगर किसी स्टॉफ या डॉक्टर को कोरोना हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा? बहुत सारी दिक्कतें हैं,इसीलिए डॉक्टर घर पर बैठे हैं।
बिहार के लिए मुसीबत दोहरी है। प्राइवेट डॉक्टर्स घर पर बैठे हैं और बहुत से सरकारी डॉक्टर लापता हैं। असल में कोरोना के संकट को देखते हुए सरकार ने सभी जिलो में डॉक्टर्स की संख्या और उपस्थिति की जांच करवाई तब पता लगा कि 362 डॉक्टर हॉस्पिल में ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। सरकार ने इन डॉक्टर्स को नोटिस जारी किया, लीगल एक्शन लेने की चेतावनी दी, लेकिन अब तक डॉक्टर्स का जबाव नहीं मिला है। चूंकि अब बिहार में दूसरे राज्यों से मरीज बड़ी संख्या में लौट रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग के लिए...बीमार लोगों की देखभाल के लिए ज्यादा डॉक्टर्स की जरूरत है। चूंकि लोगों के आने से कोरोना का खतरा भी बढ़ा है इसलिए डॉक्टर्स की टीम्स की तैनाती की जा रही है।ऐसे वक्त में इतनी बड़ी संख्या में सरकारी डॉक्चर्स का गायब होना चिंता की बात है।
इंडिया टीवी संवाददाता नीतीश चन्द्र ने बताया कि एक और बड़ी मुसीबत ये है कि ज्यादातर डॉक्टर्स उन्हीं जिलों में ड्यूटी से गायब हैं जहां कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा है और जो जिले रेड जोन में हैं। नालन्दा में कोरोना के अब तक 36 केस मिले हैं वहां 31 डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। पटना में अब तक 45 केस मिले हैं और यहां 25 डॉक्टर गैरहाजिर हैं। रोहतास जिले में कोरोना के 52 केस मामले सामने आए हैं और वहां 24 डॉक्टर कोरोना के डर से गायब हो गए। सबसे ज्यादा 102 केस मुंगेर में है यहां भी 18 सरकारी डॉक्टर हॉस्पिटल नहीं आ रहे हैं। भोजपुर में 18 केस मिले हैं और वहां 18 डॉक्टर गायब हैं।