नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। चुनाव में एनडीए गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला। इसके बाद सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई और नरेंद्र मोदी को सांसद दल का नेता चुना गया। शपथ ग्रहण की तारीख तय हुई और अब मंत्रियों के नाम भी तय हो चुके हैं। शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले गठबंधन के अलग-अलग नेताओं को फोन आने शुरू हुए और थोड़ी देर में ही मोदी 3.0 कैबिनेट की पूरी सूरत सामने आ गई। सबसे अहम बात यह थी कि इस कैबिनेट में बिहार से आठ नेताओं को मंत्री बनाए जाने की खबर है।
एनडीए गठबंधन में बिहार के तीन क्षेत्रीय दल शामिल हैं। ऐसे में नीतीश की पार्टी को दो मंत्री, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी को भी मंत्री पद देना पड़ा। इसके अलावा बीजेपी ने बिहार से चुनाव जीतने वाले अपने नेताओं को भी मंत्री बनाने का फैसला किया है। बिहार से मंत्री बन रहे आठ नेताओं में दो राज्यसभा सांसद भी शामिल हैं।
बिहार से इन आठ सांसदों को बनाया गया मंत्री
- ललन सिंह (जदयू)
- गिरिराज सिंह (बीजेपी)
- नित्यानंद राय (बीजेपी)
- जीतनराम मांझी (हम)
- चिराग पासवान (लोजपा)
- रामनाथ ठाकुर (जेडीयू)
- राज भूषण निषाद (बीजेपी)
- सतीश दुबे (बीजेपी)
विधानसभा चुनाव की तैयारी ?
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भारतीय जनता पार्टी ने अपने मंत्रिमंडल में इस बात का ध्यान रखा है कि बिहार के समीकरण इससे खराब न हों। ललन सिंह, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान और रामनाथ ठाकुर को मंत्री बनाना गठबंधन की मजबूरी थी, लेकिन बीजेपी ने बिहार से अपने ही चार नेताओं को मंत्री बनाया है। इनमें एक राज्यसभा सांसद भी शामिल हैं। इस दौरान जातीय समीकरण का भी ध्यान रखा गया है। ललन सिंह और गिरिराज सिंह मोदी कैबनेट में 2 भूमिहार हैं। जीतनराम मांझी के आने से मोदी की नई कैबिनेट में महादलित की भी एंट्री हुई है। चिराग पासवान, रामनाथ ठाकुर और राज भूषण निषाद राज्य की पिछड़ी जातियों के हर वर्ग को साधने का काम करते हैं और ब्राम्हणों के लिए सतीश दुबे को राज्यसभा से मंत्रीपद की जिम्मेदारी दी गई है।