प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद को आज यानी 29 जनवरी को पेश होने के लिए समन दिया था। अब आज इस मामले में लालू से ED की टीम को पूछताछ करनी है। बता दें कि रविवार को ही बिहार में नीतीश ने RJD को सरकार से बाहर करके एक बार फिर एनडीए के साथ सरकार का गठन कर लिया है। इसके ठीक एक दिन बाद लालू ईडी के सामने पेश हो रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो लालू आज ED दफ्तर जायेंगे और उनके साथ ED दफ्तर के पास राजद के नेता और कार्यकर्ता भी भारी संख्या में जुटेंगे। बता दें कि कुछ दिन पहले लालू यादव के आवास पर जाकर ED की टीम ने उन्हें समन दिया था।
ED ने लालू और तेजस्वी को दिया था समन
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने 19 जनवरी को लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव को अपने पटना कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर फिर से समन जारी किया था। हलांकि लालू प्रसाद को जहां 29 जनवरी को पेश होना है, वहीं तेजस्वी को 30 जनवरी को बुलाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की एक टीम समन देने के लिए लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आधिकारिक आवास पर गई थी। प्रसाद और तेजस्वी को बयान दर्ज कराने के लिए पटना के बैंक रोड स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
क्या है घोटाला?
बता दें कि ये घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। 9 जनवरी को, ईडी ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें राबड़ी देवी, उनकी बेटियों राजद सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के अन्य लोगों को नामजद किया गया। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज मामला, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है।
इस मामले में सीबीआई पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को अक्टूबर में सीबीआई मामले में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में दूसरे उम्मीदवारों के स्थान पर नियुक्त किया गया था। सीबीआई का आरोप है कि बदले में, उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी।
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