पटना: बिहार में लालू परिवार के खिलाफ ईडी की रेड को लेकर राजनीति चरम पर है। इसे लेकर जहां बीजेपी नेता लालू परिवार पर हमलावर हैं तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी उनके राज्य में महागठबंधन का हिस्सा होने का नतीजा है। नीतीश कुमार ने कहा, 2017 से लेकर जब तक हम बीजेपी के साथ थे तो पांच साल तक तो छापे नहीं पड़े। अब क्यों दनादन छापे मारे रहे हैं? इसका सीधा सा कारण है कि मैं महागठबंधन का हिस्सा हूं, इसलिए लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
बिहार में महागठबंधन मजबूत है, रहेगा
नीतीश कुमार ने साफ कहा कि इस तरह के छापे हमें डरा नहीं सकते और हमारी सरकार बिहार को सुचारू रूप से चलाएगी। फिर से गठबंधन बदलने पर प्रतिक्रिया देते हुए, नीतीश कुमार ने इसे अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि बिहार में महागठबंधन सुचारू रूप से चल रहा है और चलता रहेगा। उन्होंने कहा, इसे लेकर चिंता न करें और अफवाहों पर ध्यान ना दें।
नीतीश ने कहा"... यह एक बार 2017 में हुआ था। फिर हमें अलग किया गया और जदयू और राजद अपने अलग-अलग रास्ते चले गए ... अब पांच साल बीत गए और जब हम फिर एक साथ आए हैं, तो फिर से छापे पड़े।" नीतीश ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे क्या कहना है, जिन पर छापे पड़ रहे हैं वे पर्याप्त प्रतिक्रिया दे रहे हैं।"
पत्रकारों से बात करते हुए, नीतीश कुमार ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि वह राजद के खिलाफ सीबीआई/ईडी की कार्रवाई पर उस वक्त चुप थे क्योंकि वह अपनी खुद की छवि को खराब करने के बारे में चिंतित थे और यहां तक कि बिहार के सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' से टूटने के बारे में सोच रहे थे, जिसमें कांग्रेस और वाम दल शामिल हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि"... सीबीआई दो बार जांच करने के बाद सबूत नहीं जुटा सकी... लेकिन 9 अगस्त, 2022 के बाद (बिहार के सत्तारूढ़ जद (यू) द्वारा भाजपा को छोड़ने और राजद के साथ गठबंधन करने का जिक्र करते हुए) अचानक उन्हें दैवीय शक्ति से सबूत मिलने लगे ..."
ईडी ने कैश, सोने के सिक्के और डॉलर बरामद किए
शुक्रवार को ईडी ने लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, मुंबई, रांची और कुछ अन्य जगहों पर 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव और उनकी बहनों रागिनी यादव, हेमा यादव और चंदा यादव के आवासों से 53 लाख रुपये नकद, 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण, 540 ग्राम सोने के सिक्के और 1900 अमेरिकी डॉलर बरामद किए थे।
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