Thursday, March 27, 2025
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दिल्ली-एनसीआर के बाद बिहार में भी भूकंप से डोली धरती, जानिए कितनी रही तीव्रता

दिल्ली-एनसीआर के बाद बिहार में भी सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। सुबह 8 बजकर 2 मिनट में बिहार के सीवान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग डर की वजह से अपने घरों से बाहर निकल आए।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Feb 17, 2025 8:58 IST, Updated : Feb 17, 2025 9:23 IST
बिहार में भूकंप के झटके
Image Source : FILE PHOTO बिहार में भूकंप के झटके

दिल्ली-एनसीआर के साथ बिहार में भी सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। सुबह 8 बजकर 2 मिनट में बिहार के सीवान में भूकंप के झटकों से लोग सहम गए। बिहार में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 आंकी गई है।

भूकंप के डर से घर के बाहर निकले लोग

दिल्ली में सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर भूकंप आया था। इसके करीब ढाई घंटे बाद बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बिहार में आए भूकंप से लोग डर की वजह से अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके हरियाणा, यूपी, बिहार और उत्तराखंड तक महसूस किए गए।

दिल्ली में गड़गड़ाहट की आवाज के साथ भूकंप

दिल्ली-NCR के लोगों ने आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए। ये केवल झटके ही नहीं थे बल्कि भूकंप की तेज गड़गड़ाहट ने भी लोगों में डर पैदा कर दिया। सुबह पांच बजकर 36 मिनट पर तेज गड़गड़ाहट के साथ धरती हिलनी शुरू हुई और करीब दस सेकंड तक झटके महसूस होते रहे।

दिल्ली में भूकंप का केंद्र रहा धौलाकुआं 

दिल्ली में रिक्टर स्केल पर 4 तीव्रता के इस भूकंप का केन्द्र धौलाकुआं के पास दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज था। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि दिल्ली-NCR की पूरी जमीन कांपने लगी। गहरी नींद में सो रहे लोगो झटकों से सहम कर उठ गए।

क्यों आते हैं भूकंप के झटके?

बता दें कि भूकंप के झटके पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण आते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो पृथ्वी की सतह के नीचे होती है। पृथ्वी की ऊपरी परत (लिथोस्फीयर) कई बड़े और छोटे टुकड़ों में बंटी हुई है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये प्लेटें लगातार धीमी गति से खिसकती रहती हैं (प्रति वर्ष कुछ सेंटीमीटर)। इनकी गति के कारण प्लेटों के किनारों पर दबाव बनता है। जब यह दबाव बहुत अधिक हो जाता है, तो प्लेटें अचानक खिसक जाती हैं, जिससे ऊर्जा निकलती है और भूकंप आता है।

 

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