Sunday, November 24, 2024
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बाबा गरीबनाथ मंदिर में दान हुए लाखों रुपये के नोट सड़े-गले मिले, 6 महीने बाद खुली दान पेटी; VIDEO

लाखों के नोट बर्बाद होने से मंदिर के पुजारी नाराज हैं। उन्होंने बताया कि पहले सप्ताह में एक दिन दान पेटी को खोलकर रुपये निकाले जाते थे लेकिन अब 6 महीने बाद दान पेटी से रुपये निकाले गए है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: December 30, 2023 23:39 IST
आधे से ज्यादा नोट सड़...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आधे से ज्यादा नोट सड़ गलकर बर्बाद

बाबा गरीबनाथ मंदिर के दानपेटी में रखा लाखों रुपये के नोट सड़ गल गए हैं। उत्तर बिहार का देवघर कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर की दान पेटी को आज 6 महीने के बाद जब खोला गया तो दानपेटी खुलने के बाद जो तस्वीर सामने आई वो बेहद चौंकाने वाली थी। दान पेटी में रखे नोट सड़ गल गए हैं। वहीं, पानी के कारण सिक्कों में भी जंग लग गया है। पहले हफ्ते में एक दिन दान पेटी में रखे रुपये को निकाल लिया जाता था लेकिन नियम में बदलाव के कारण अब छह महीने बाद आज खोला गया।

नोट खराब होने से पुजारी नाराज

शनिवार को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की निगरानी में श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में रखे दान पेटी में रखे रुपये को बाहर निकालकर गिनती की गई। पानी पड़ने के कारण दान पेटी में रखे नोट खराब हो गए। वहीं लाखों के नोट बर्बाद होने से मंदिर के पुजारी नाराज हैं। बारिश और जलाभिषेक के कारण नोट खराब होने की आशंका जताई जा रही है। बाबा गरीबनाथ मंदिर के पुजारी अभिषेक पाठक ने बताया कि पहले सप्ताह में एक दिन दान पेटी को खोलकर रुपये निकाले जाते थे लेकिन अब 6 महीने बाद दान पेटी से रुपये निकाले गए है। मंदिर में धार्मिक न्यास समिति की आज बैठक भी हुई जिसमें कई मुद्दों पर गहनता से चर्चा हुई।

मंदिर परिसर में शुरू होगी संस्कृत की पढ़ाई

मंदिर के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि बारिश के कारण नोट खराब हो जाते हैं इसलिए रिज़र्व बैंक से एक्सचेंज करा लेंगे। समय-समय पर मीटिंग भी होती रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कृत विषय की पढ़ाई मंगल भवन में शुरू करने का भी प्रस्ताव आया है। इस पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी। संस्कृत की शिक्षा खासकर वैसे लोगों को दिया जाएगा जिन्हें संस्कृत में रुचि हो।  यह शिक्षा सभी जातियों के लिए है जो हिन्दू विधान से पूजा पाठ करा सकें इसमें ब्राह्मण होना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग संस्कृत विषय में रुचिे रखते हैं, या पूजा पाठ का ज्ञान ग्रहण करना चाहते हैं वो मंदिर परिसर में ही संस्कृत का ज्ञान ले पाएंगे।  

(रिपोर्ट- संजीव कुमार)

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