बिहार के सारण में यूट्यूब देखकर पथरी का ऑपरेशन करने वाले झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने कथित तौर पर यूट्यूब वीडियो देखकर पित्ताशय से पथरी निकालने की सर्जरी की थी। ऑपरेशन के दौरान ही मरीज की तबीयत बिगड़ गई थी और पटना ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई थी। सारण के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुमार आशीष ने बताया कि आरोपी चिकित्सक अजीत कुमार पुरी को रविवार रात गोपालगंज जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। मृतक किशोर की पहचान सारण जिले के भुआलपुर गांव के निवासी गोलू उर्फ कृष्ण कुमार के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि परिजनों के अनुसार, गोलू को कुछ समय से पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद शुक्रवार को उसे सारण के धर्मबागी बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में ले गए। जिला पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘गोलू को भर्ती करने के बाद झोलाछाप चिकित्सक ने पित्ताशय की सर्जरी करने का फैसला किया और उसकी टीम के सदस्यों ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर सर्जरी की।’’ इसमें कहा, ‘‘सर्जरी के बाद गोलू की हालत बिगड़ गई। इसके बाद क्लीनिक के कर्मचारी उसे पटना ले गए। सात सितंबर को रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
सर्जरी से पहले अनुमति भी नहीं ली
परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप चिकित्सक ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर सर्जरी की।’’ गोलू के दादा प्रह्लाद प्रसाद ने कहा, ‘‘चिकित्सक ने मुझे डीजल लाने के लिए भेजा था, जबकि मेरी पत्नी वहीं रही। जब मैं वापस आया, तो देखा कि पुरी यूट्यूब पर एक वीडियो देखकर मेरे पोते का ऑपरेशन कर रहा था। उसने पित्ताशय से पथरी निकालने की सर्जरी के लिए हमसे इजाजत भी नहीं ली थी। उन्होंने (क्लीनिक प्रबंधन ने) गोलू को पटना ले जाने का फैसला किया और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।’’
रास्ते पर शव छोड़कर भागा आरोपी
प्रसाद ने कहा, ‘‘शुक्रवार को निजी क्लीनिक में सर्जरी के बाद गोलू का दर्द बढ़ गया। जब गोलू की हालत बिगड़ने लगी तो पुरी ने एंबुलेंस बुलाई और पटना के लिए रवाना हो गए, लेकिन सात सितंबर को रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुरी ने गोलू के शव और मेरी पत्नी को रास्ते में सड़क पर ही छोड़ दिया और भाग गया। मेरी पत्नी शव को वापस लेकर आई।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि पुरी एक झोलाछाप है। परिवार ने सात सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। घटना को लेकर सारण पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘पुरी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जिला पुलिस उसके क्लीनिक के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया में है। जिला पुलिस ने ऐसे क्लीनिक की पहचान करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।