पटना: दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद अब पटना जिला प्रशासन ने भी ऐसे सभी संस्थानों की जांच करने और नियमों का उल्लंघन कर संचालित हो रहे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पटना जिला प्रशासन ने दिल्ली की घटना को ध्यान में रखते हुए सभी अनुमंडलों के संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सभी कोचिंग सेंटरों के दस्तावेजों को सत्यापित करने का निर्देश दिया है।
डीएम ने जांच के दिए आदेश
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को बताया कि कोचिंग सेंटरों के जिन दस्तावेजों को सत्यापित करने की आवश्यकता है, उनमें संबंधित अधिकारियों से अनिवार्य अनुमति और अन्य आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र शामिल हैं। डीएम ने कहा कि अधिकारियों को इसके लिए अपने संबंधित क्षेत्रों में विशेष टीम का गठन करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है जो मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि पटना जिला प्रशासन ने भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया है। अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि पटना में लगभग 300 कोचिंग सेंटर हैं।
नगर आयुक्त ने शुरू किया अभियान
जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘पटना में जो भी कोचिंग सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’ पटना नगर निगम (पीएमसी) ने शहर में उन कोचिंग सेंटरों की पहचान करने के लिए भी अपना अभियान शुरू किया है जो ऐसी इमारतों में संचालित हो रहे हैं जो भवनों से संबंधित आवश्यक मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं। पटना नगर आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर ने सोमवार को बताया कि दिल्ली में दुखद घटना के बाद पीएमसी ने उन कोचिंग सेंटरों की पहचान करने के लिए अपना अभियान शुरू किया है जो वैसी इमारतों में चल रहे हैं जो भवन को लेकर आवश्यक मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं। (इनपुट- भाषा)
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