Highlights
- मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं।
- इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का विशेष महत्व है।
- कहीं गंगा मइया के गीत हो रहे हैं तो कहीं नारायणी नदी की आरती हो रही है।
पटना: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को राजधानी पटना समेत विभिन्न क्षेत्रों पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। इधर, सारण जिले के सोनपुर में गंगा-गंडक संगम पर हजारों श्रद्धालु इस पावन मौके पर आस्था की डुबकी लगाकर हरिहरनाथ मंदिर में भगवान हरिहर पर जलाभिषेक कर आशीर्वाद मांगा। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं तथा स्वास्थ्य एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। पटना के अलावा राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोग इन घाटों पर तो गंगा में डुबकी लगा रहे हैं और दान कर रहे हैं।
इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला क्षेत्र के समीप गंगा-गंडक संगम कोनहारा घाट पर भी लाखों लोग स्नान के लिए जुटे हुए हैं। लोग संगम में डूबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। इस दौरान हरिहरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। कहीं गंगा मइया के गीत हो रहे हैं तो कहीं नारायणी नदी की आरती हो रही है।
इस बीच, हालांकि आने वाले श्रद्धालुओं को सोनपुर मेला नहीं लगने से निराशा हो रही है। सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के तहत मेला लगाए जाने की अनुमति नहीं दी है। काली घाट का पुल घाट पर भी दुकानें लगी हैं। गंगा के अलावे राज्य के अन्य क्षेत्रों में कोसी, गंडक सहित अन्य नदियों के घाटों पर भी लोग स्नान कर स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
कार्तिक पूर्णिमा केा लेकर पटना के गंगा तटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए है। गंगा में निजी नाव के परिचालन पर पाबंदी लगा दी गई है। मंदिरों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा पूजा-अर्चना करने वालों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।