Highlights
- बीजेपी 26 फीसदी वोटों पर कब्जा जमा सकती है, जबकि 2019 में उसे 24 फीसदी वोट मिले थे।
- कांग्रेस ने 2019 में भी एक सीट जीती थी और आज चुनाव हों तब भी एक सीट जीतेगी।
- LJP को बड़ा नुकसान हो सकता है और 2019 में 6 सीटें जीतने वाली पार्टी 0 पर सिमट सकती है।
Desh Ki Awaaz: बिहार में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड में खटपट की खबरें हैं। हालांकि इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे के मुताबिक, यदि इन दोनों पार्टियों का साथ बना रहता है, और आज देश में लोकसभा चुनाव होते हैं तो बिहार में एनडीए का परचम एक बार फिर लहरा सकता है। बिहार की सियासत कब क्या करवट ले ले कोई नहीं कह सकता, लेकिन इंडिया टीवी-मैटराइज के सर्वे में कुछ दिलचस्प चीजें निकलकर सामने आई हैं। आइए, जानते हैं क्या कहते हैं सर्वे के नतीजे:
बिहार में बढ़ेगा बीजेपी का वोट प्रतिशत
यदि आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो बिहार में मोदी की अगुवाई में बीजेपी 26 फीसदी वोटों पर कब्जा जमा सकती है, जबकि 2019 में उसे 24 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, नीतीश कुमार की अगुवाई में जेडीयू को 21 फीसदी वोट मिल सकते हैं जबकि 2019 में उसने 22 फीसदी वोटों पर कब्जा जमाया था। तेजस्वी के नेतृत्व में आरजेडी को 2019 के 16 फीसदी के मुकाबले इस बार 17 फीसदी वोट मिल सकते हैं। वहीं, कांग्रेस को 2019 में जहां 8 फीसदी वोट मिले थे, वहीं इस बार उसका आंकड़ा घटकर 7 फीसदी पर रुक सकता है।
बीजेपी की सीटों में भी होगा इजाफा
आज लोकसभा चुनाव हुए तो बीजेपी को बिहार की 40 में से 21 लोकसभा सीटों पर जीत मिल सकती है। 2019 के चुनावों में बीजेपी ने कुल 17 सीटें जीती थीं। वहीं, जनता दल यूनाइटेड को आज चुनाव होने की सूरत में 14 सीटें मिलेंगी, जबकि 2021 में इसे 16 सीटें मिली थीं। तेजस्वी यादव की आरजेडी 2019 में खाता भी नहीं खोल पाई थी जबकि आज चुनाव हों तो यह 4 सीटों पर अपना परचम लहरा सकती है। कांग्रेस ने 2019 में भी एक सीट जीती थी और आज चुनाव हों तब भी एक सीट जीतेगी। सबसे ज्यादा नुकसान LJP को होगा और 2019 में 6 सीटें जीतने वाली पार्टी 0 पर सिमट सकती है।
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे की मेथडॉलॉजी
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे को 11 जुलाई से 24 जुलाई के बीच अंजाम दिया गया। इस दौरान सर्वे की टीम देश की 136 संसदीय सीटों तक पहुंची और लोगों की राय जानी। इस सर्वे में कुल मिलाकर 34 हजार लोगों को शामिल किया गया जिनमें से 20 हजार पुरुष और 15 हजार महिलाएं हैं। इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर माइनस/प्लस टू रखा गया है यानी कि नतीजों में 2 पर्सेंट इधर से उधर का अंतर हो सकता है। इस तरह देखा जाए तो यह सर्वे जनता के मूड को काफी हद तक दिखा सकता है।