बिहार में NDA की नयी सरकार बनने के बाद RJD के मंत्रियों के समय लिए फैसलों की जांच करने का निर्देश जारी किया गया था। कई विभागों की अभी समीक्षा जारी है। इसी क्रम में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने आज PHED विभाग की समीक्षा के बाद राजद के मंत्री के समय हुए 1100 से ज्यादा टेंडर को रद्द करने का निर्देश दिया है। गावों में नल का जल पहुंचाने के लिए जारी हुए इन टेंडरों में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गयी है।
47 हजार करोड़ के मांगे गए थे टेंडर
बताया जा रहा है कि नल-जल योजना के तहत पूर्व की सरकार में करीब 47 हजार करोड़ रूपये के काम के लिए टेंडर मांगे गये थे। इनमें से बड़ी संख्या में सिंगल टेंडर और दो टेंडर वाले काम सामने आये हैं, जिन्हें मैनेज करके टेंडर दिया गया है। कई और टेंडर भी में गड़बड़ी पकड़ी गयी है। इसके बाद गड़बड़ी वाले सारे टेंडर को रद्द करने का निर्देश जारी किया गया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग(PHED), बिहार सरकार में आज हुई समीक्षा बैठक के क्रम में विभाग द्वारा गांव-गांव और टोला स्तर पर मॉनिटरिंग व नल-जल योजनाओं की पहुंच को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने हेतु आश्वस्त किया है।
1100 से भी अधिक टेंडर किए रद्द
बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार बनते हैं पहले ही दिन समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने घोषणा की थी कि PHED विभाग में पिछली सरकार में जो टेंडर निकाले गए थे, उनमें गड़बड़ी है और इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। अब आज पीएचईडी विभाग में अधिकारियों के साथ विजय सिन्हा ने बैठक की और निर्देश दिए कि राजद के मंत्री के समय हुए लगभग 1100 से भी अधिक टेंडर को रद्द किया जाए। डिप्टी सीएम ने साथ ही विभाग को निर्देश दिए कि जल्द ही नए टेंडर पूरी पारदर्शिता के साथ निकाले जाएं।
सुरक्षा प्रहरियों की वैकेंसी भी रद्द
PHED विभाग में टेंडर ही नहीं, बिहार में कुछ वैकेंसियों पर भी रोक लगाई गई है। बिहार विधानसभा में महागठबंधन की सरकार के दौरान तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने 69 सुरक्षा प्रहरियों की बहाली के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। इसको लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा लगातार गड़बड़ी की बात कह रहे थे। अब बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सुरक्षा प्रहरी के लिए निकाल गई वैकेंसी को रद्द कर दिया है और फिर से परीक्षा कराने का फैसला भी किया है।
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