पटना: बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) को कोविड -19 टीकाकरण अभियान के शुभारंभ से पहले फूलों और गुब्बारों से सजाया गया है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ही टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी।
एक सत्र में 100 लोगों का होगा टीकाकरण
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 10 प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण के लिए कहा गया है। कोविड-19 महामारी, टीकाकरण की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है।
सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों की दी जाएगी डोज
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी। सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीकाकरण के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित'
हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक द्वारा विकसित ‘कोवैक्सीन’, दोनों टीकों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार पाया गया है तथा महामारी को रोकने में यह सबसे महत्वपूर्ण औजार है।‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65 करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर दिया गया है।