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NDA में दबाव में हैं नीतीश कुमार, उन्हें महागठबंधन में लौट आना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा नीत राजग में बहुत दबाव में होने का दावा करते हुए रविवार को उन्हें सुझाव दिया कि उन्हें महागठबंधन में वापस लौटकर ‘‘स्वतंत्र’’ होकर राज्य के विकास के लिए काम करना चाहिए। 

Written by: Bhasha
Published on: January 17, 2021 21:46 IST
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार- India TV Hindi
Image Source : PTI बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना: कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा नीत राजग में बहुत दबाव में होने का दावा करते हुए रविवार को उन्हें सुझाव दिया कि उन्हें महागठबंधन में वापस लौटकर ‘‘स्वतंत्र’’ होकर राज्य के विकास के लिए काम करना चाहिए। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा द्वारा रविवार को दिए गए उक्त बयान को हालांकि प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद ने तुरंत खारिज किया और कहा कि यह आधिकारिक बयान नहीं है। 

शर्मा ने पिछले हफ्ते नीतीश और पत्रकारों के बीच हुई तकरार का जिक्र करते हुए उक्त टिप्पणी की और कहा,‘‘ वह इस तरह का व्यवहार कभी नहीं करते हैं। हम सब जानते हैं कि वह स्पष्ट रूप से राजग में बहुत दबाव में है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सर्वविदित है कि उनपर सभी महत्वपूर्ण गृह विभाग, जो वह अपने पास रखे हुए हैं, को भी छोड़ने का दबाव है। लगभग एक महीने पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान, जो भाजपा में नीतीश के आलोचक रहे हैं, ने कहा था कि मुख्यमंत्री को गृह विभाग छोड़ देना चाहिए। 

हालांकि, संजय पासवान ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह इस बात पर जोर नहीं दे रहे थे कि उक्त विभाग जो पुलिस को नियंत्रित करता है, भाजपा को दिया जाए बल्कि नीतीश इस विभाग के मंत्री के तौर पर अपनी पार्टी जदयू में से अधिक ऊर्जावान किसी सहयोगी को चुन सकते हैं। वर्तमान में बिहार में राजग में चार दल शामिल हैं जिनमें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। 

शर्मा ने कहा कि महागठबंधन नीतीश कुमार का पुराना घर है, यदि वह वापस लौटने का विकल्प चुनते हैं तो वह राज्य की प्रगति के लिए स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगे। नीतीश कुमार ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग से नाता तोड़कर अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाते हुए महागठबंधन का गठन किया था, जिसमें जदयू और राजद के साथ साथ कांग्रेस भी शामिल थी। 

हालांकि, राजद के साथ मतभेदों के कारण नीतीश ने जुलाई 2017 में महागठबंधन से नाता तोडकर भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की नई सरकार बना ली थी। लालू यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जो कि एक निजी एयरलाइंस के स्टेशन प्रबंधक रूपेश कुमार सिंह के शोक संतप्त परिजनों से मिलने सारण जिला गए थे, ने शर्मा की उक्त टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का आधिकारिक बयान नहीं है। 

उन्होंने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर मेरा यह अनुरोध है कि वे कुछ करें और राज्य के लोगों को कीड़े मकोडों की तरह मरने न दें।’’ तेजस्वी ने नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा ‘‘मैं समझता हूं कि आप एक कमज़ोर मुख्यमंत्री हैं।’’ इस बीच कांग्रेस नेता के नीतीश के महागठबंधन में लौटने की सलाह को जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने खारिज करते हुए कांग्रेस पर महात्मा गांधी के पदचिन्हों को छोड़कर ‘‘भ्रष्टाचार का पर्याय’’ बन गए राजद की शरण में चले जाने का का आरोप लगाया।

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