पटनाः बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का सोमवार को ऐलान हो गया। बीजेपी 17 लोकसभा सीट और जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक सीट और जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को पांच सीटें दी गई हैं लेकिन उनके चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है। इससे पशुपति पारस नाराज बताए जा रहे हैं।
हाजीपुर से लड़ेंगे चिराग पासवान
एलजेपी बिहार के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि चिराग पासवान हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। चिराग अभी जमुई से सांसद हैं। हाजीपुर से पशुपति पारस सांसद हैं। चाचा-भतीजे के बीच हाजीपुर सीट को लेकर पिछले कई महीनों से जुबानी जंग चल रही थी।
पशुपति पारस की नहीं सुनी गई
एनडीए के बीच सीट बंटवारे में चिराग पासवान अपनी बात मनवाने में कामयाब हो गए लेकिन पशुपति पारस अपनी मांगें मनवाने में नाकाम रहे। पारस बीजेपी नेतृत्व को कई बार यह बात बता चुके थे कि वह अपनी मौजूदा संसदीय सीट हाजीपुर से ही दोबारा चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन इसके बावजूद यह सीट चिराग पासवान को दे दी गई। चिराग पासवान से बगावत करके पारस ने अपनी अलग पार्टी बनाई थी। इससे चाचा-भतीजे के बीच मनमुटाव काफी दिनों से है।
अब क्या करेंगे चाचा पशुपति पारस?
अब सवाल उठता है कि एनडीए में सीट नहीं मिलने के बाद चाचा पशुपति पारस अब क्या करेंगे। क्या वह इंडिया गठबंधन में जाएंगे या फिर अपनी पार्टी से अकेले चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले ही वह कह चुके थे कि अगर उन्हें हाजीपुर सीट नहीं मिली तो कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। इस बयान के बाद अटकलें लगने लगी कि वह इंडिया गठबंधन की तरफ जा सकते हैं। अब सबकी निगाहें पशुपति पारस के अगले कदम पर हैं।