नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने आखिरकार एलजेपी में संग्राम का ऐलान कर दिया है। चिराग ने ट्विट किया कि पशुपति अध्यक्ष पद के लिए रामविलास के सामने ही बागी तेवर दिखा चुके थे। पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।
चिराग पासवान ने ट्विटर पर लिखा, ''पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।''
वहीं चिराग के खिलाफ चाचा पशुपति ने अब तक का सबसे बड़ा दांव चल दिया है। संसदीय दल के नेता के बाद अब चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है। सूरज भान को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। अगले दो-तीन दिनों में पटना में मीटिंग कर पशुपति पारस को एलजेपी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
बता दें कि एलजेपी के छह में से पांच सांसदों ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर चिराग पासवान की जगह पारस को अपना नेता नियुक्त करने का लिखित अनुरोध किया था। लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को एक अधिसूचना में पार्टियों के फ्लोर नेताओं की एक संशोधित सूची जारी की, जिसमें पारस को लोक जनशक्ति पार्टी के नेता के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
एलजेपी संसदीय दल का नेता बनने के बाद पशुपति कुमार पारस आज पटना पहुंचने की संभावना थी, हालांकि, बाद उन्होंने कार्यक्रम बदल दिया। माना जा रहा था कि पटना दौरे पर वो प्रदेश पार्टी नेताओं से आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। फिलहाल पशुपति पारस दिल्ली में ही नेताओं के साथ मंथन में जुटे हुए हैं।
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