Wednesday, January 15, 2025
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नीट पेपर लीक मामले में चिंटू और पिंटू की एंट्री, जांच में हुआ बड़ा खुलासा, जानिए ताजा अपडेट

नीट पेपर लीक मामले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सुबह 9 बजे नीट का पेपर चिंटू नामक एक छात्र के पास आया हुआ था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच कर रही है।

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Mangal Yadav Published : Jun 21, 2024 10:50 IST, Updated : Jun 21, 2024 11:30 IST
प्रदर्शन करते छात्रों की फाइल फोटो
Image Source : ANI प्रदर्शन करते छात्रों की फाइल फोटो

पटनाः नीट पेपर लीक मामले में अब चिंटू और पिंटू नामक के दो नए अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि चिंटू के पास ही सुबह 9 बजे परीक्षा के दिन प्रश्न पत्र आया था। चिंटू संजीव मुखिया के गांव के बगल का रहने वाला है। चिंटू के करीबी पिंटू की भी भूमिका जांच के घेरे में है।

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

जांच में पता चला है कि 5 मई की सुबह करीब नौ बजे लर्न प्ले स्कूल में मौजूद चिंटू के मोबाइल पर प्रश्नपत्र और उत्तर आया। चिंटू के साथ यहीं मौजूद पिंटू ने अपने साथ रखे प्रिंटर से इसे प्रिंट कर छात्रों को रटने के लिए दिया। बाद में प्रिंटर लेकर पिंटू वहां से चला गया। चिंटू नालंदा के करायपरसुराय के गुल्हरिया बिगहा का रहने वाला है। जबकि पिंटू नालंदा के हिलसा के पटेल नगर का रहने वाला है। चिंटू और पिंटू दोनों संजीव मुखिया का करीबी भी है।

सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने कबूली ये बात

मिली जानकारी के अनुसार, पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने चार परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्रों की व्यवस्था करने की बात स्वीकार की है। यादवेंदु ने अपने बयान में कहा कि परीक्षार्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले  तैयारी करने के लिए कहा गया और प्रत्येक परीक्षार्थी से 40 लाख रुपये की मांग की गई।

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई कर रही है जांच

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के सूत्रों के अनुसार, पांच मई को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 161 के तहत दर्ज किए गए यादवेंदु के बयान में कथित तौर पर नीट-यूजी जैसे प्रतिष्ठित परीक्षा पेपर लीक करने के लिए जाने जाने वाले नीतीश कुमार और अमित आनंद के साथ उसके संपर्कों का भी विवरण दिया गया है। यादवेंदु ने दावा किया कि उन्होंने परीक्षा से एक दिन पहले चार मई को लीक प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए अपने भतीजे अनुराग यादव समेत प्रत्येक अभ्यर्थी से 40 लाख रुपये की मांग की थी।

जांच में सामने आई ये बात

पटना जिला के दानापुर नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता यादवेंदु ने कहा, ‘‘मैंने नीतीश और अमित से संपर्क किया और उन्हें बताया कि मेरे पास चार परीक्षार्थी आयुष कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार और शिवनंदन कुमार हैं। यादवेंदु ने दावा किया कि नीतीश और अमित ने प्रति परीक्षार्थी 32 लाख रुपये लिए और उन्हें पहले से प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। यादवेंदु ने यह भी दावा किया कि चार मई को सभी चार परीक्षार्थियों को एक गेस्ट हाउस में बुलाया गया जहां नीतीश और आनंद ने लीक हुए पेपर का उपयोग करके ‘‘तैयारी’’ करने में उनकी मदद की। बाद में परीक्षार्थियों ने कबूल किया कि पांच मई को वास्तविक परीक्षा में भी वही प्रश्न आए थे। 

(भाषा इनपुट के साथ)

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