लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार विधान परिषद के सभापति का बदलना तय माना जा रहा है। इसके अलावा कई विधायकों और दो राज्यसभा सांसदों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इन सीटों पर उपचुनाव होने की भी पूरी संभावना है। दरअसल, विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गए हैं। वह तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से 2020 में विधान पार्षद बने थे। इसके बाद वह विधान परिषद के सभापति बन गए। अब इनके लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद विधान परिषद को जहां नया सभापति मिलना तय है, वहीं तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव की संभावना भी बढ़ गई है।
रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव
इस बार दो राज्यसभा सदस्य भी लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। राज्यसभा सदस्य मीसा भारती पाटलिपुत्र से चुनाव जीत गई हैं, जबकि राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने नवादा से परचम लहराया है। उनके इस्तीफा देने की स्थिति में राज्यसभा की सीट खाली हो जाएगी। रिक्त हुई सीटों पर भी उपचुनाव तय माना जा रहा है। राज्यसभा में मीसा भारती का कार्यकाल 2028 तक है, जबकि भाजपा के विवेक ठाकुर का दो साल का कार्यकाल बाकी है।
गया से जीतन राम मांझी चुनाव जीते
इसी तरह कई विधायकों के इस चुनाव में लोकसभा जाने का भी सपना पूरा हो गया। रामगढ़ के राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से लोकसभा का चुनाव जीते हैं, जबकि बेलागंज के राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीतकर निचले सदन में पहुंचने की अपनी हसरत पूरी की है। इधर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व उपमुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी गया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गए हैं। वह फिलहाल इमामगंज के विधायक हैं। इसी तरह तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में तय है कि रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज और तरारी में उपचुनाव होगा। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। (IANS)
ये भी पढ़ें-