Highlights
- इलाज के लिए दिल्ली में हैं लालू प्रसाद यादव
- लालू जब रेल मंत्री थे, जब रेलवे में नौकरी देने के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप
- लालू को कुछ ही हफ्तों पहले मिली थी जमानत
CBI Raid on Lalu yadav : लालू यादव के 15 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की जा रही है। वहीं पटना राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने लालू यादव और उनके परिजनों पर छापेमारी की है। लालू यादव जब रेल मंत्री थे तब उन्होंने अपने कई जानने वालों को रेलवे में नौकरी दिलाई थी।आरोप है कि इसके बदले उनके परिवारजनों को सस्ती दरों पर जमीन मिली थी।सीबीआई को शक है कि इस मामले में संभवत जमीन खरीदने के बदले पैसा भी नहीं दिया गया था। दिल्ली बिहार मिलाकर कुल 17 जगहों पर छापेमारी हो रही है।
आरोप है कि 2004 से 2009 तक जब लालू रेल मंत्री थे तब घोटाला हुआ था। इसी को लेकर सीबीआई ने केस दर्ज किया है। हालांकि सीबीआई की तरफ से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। लालू यादव इस समय दिल्ली में हैं। उनकी बेटी मीसा भारती भी दिल्ली में है। वहीं राबड़ी देवी अपने आवास पर ही हैं। नई दिल्ली में मीसा के घर पर ही लालू यादव मौजूद हैं। सीबीआई यहां रेड्स कर रही है। मीसा के घर के अलावा साउथ दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में लालू का एक बंगला और घिटोरनी में फॉर्म हाउस भी है। दोपहर के बाद रेड्स से जुड़ी आधिकारिक अपडेट्स आएंगी।
हमारे संवाददाताओं अभय पाराशर और नितिश चंद्रा के अनुसार बिहार में गोपालगंज, पटना में लालू प्रसाद यादव के यहां खासतौर पर छापेमारी चल रही है। जब लालू रेल मंत्री थे जो जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने का आरोप है। इस स्कैम में सीबीआई ने लालू के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है, जिसमें आज सुबह से रेड्स चल रही है।
बड़ी संख्या में जुटे लालू के समर्थक
छापेमारी के बीच बड़ी संख्या में लालू प्रसाद यादव के समर्थक राबड़ी देवी के पटना के आवास के बाहर खड़े हैं। इन लोगों ने छापेमारी पर आक्रोश जताया है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव विदेश में हैं, लालू प्रसाद यादव दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं। ऐसे समय में सीबीआई की छापेमारी की जा रही है।
लालू की बेटी रोहिणी ने ट्वीट ने ये दिया बयान
छापेमारी पर लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह यह लालू यादव को डराने की चाल है।
लालू को कुछ ही हफ्तों पहले मिली थी जमानत
सीबीआई की ये कार्रवाई ऐसे वक्त पर हुई, जब कुछ ही हफ्तों पहले लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में जमानत मिली थी। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का था। 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। करीब 27 साल बाद कोर्ट ने इसी साल फरवरी में इस घोटाले पर फैसला सुनाया था, जिसमें लालू यादव को दोषी पाया गया था। इस मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा हुई है।
1996 में दर्ज किए थे 53 मुकदमे
सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे ये रुपयों को संदिग्ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था। जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपी शामिल हैं। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है।