पटना: बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पटना हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव काफी खुश हैं। लालू ने कहा "हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। यह सिर्फ एक फैसला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए फैसला है। इससे उनके लिए दरवाजे खुलेंगे।" . उनके सर्वेक्षण के बाद, उनकी आर्थिक स्थिति का पता चल जाएगा और उस आधार पर, सरकार उनके लिए योजनाओं का मसौदा तैयार करेगी और इससे विकास के द्वार खुलेंगे। मैं सीएम और तेजस्वी यादव को धन्यवाद देता हूं, उन्होंने कड़ी मेहनत की।''
विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा, "इंडिया की एक बैठक होगी और हम उसमें भी भाग लेंगे।"
तेजस्वी ने कहा-यह बिहार के लोगों की जीत है
वहीं, राज्य सरकार द्वारा दिए गए जाति सर्वेक्षण को बरकरार रखने वाले पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा,, ''हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. यह बिहार के लोगों की जीत है।''
पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना को दी हरी झंडी
बिहार में जातिगत जनगणना को पटना उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार को बड़ी राहत देते हुए जाति आधारित सर्वे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस तरह से अब बिहार में हो रही जातिगत जनगणना जारी रहेगी।
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई की और ये फैसला सुनाया। बता दें कि 17 अप्रैल को इस मामले पर पहली बार हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी और चार मई को कोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया था कि इससे जनता के निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
याचिका में राज्य सरकार पर लगाया गया था ये आरोप
याचिका में ये भी कहा गया था कि राज्य सरकार सर्वेक्षण के नाम पर जाति आधारित जनगणना कर रही है जो इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने इस गणना को करवाने का उद्देश्य नहीं बताया है, इससे लोगों की संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग होने की संभावना है।
इसप बिहार सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट में कहा गया कि यह राज्य की नीतिगत निर्णय है, जिसके लिए बजट का प्रावधान है और सरकार की ओर से ऐसी कोई भी जानकारी नहीं मांगी जा रही है जिससे लोगों के निजता के अधिकार का हनन होगा।