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बिहार में 95.49 प्रतिशत लोगों के पास कोई वाहन नहीं, केवल 3.8 प्रतिशत के पास दोपहिया वाहन: रिपोर्ट

बिहार विधानसभा में पेश जाति जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में केवल 1.67 लाख लोगों या 0.13 प्रतिशत के पास ट्रैक्टर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य वर्ग के 2.01 करोड़ लोगों में से कुल 11.99 लाख के पास दोपहिया वाहन हैं।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: November 08, 2023 23:25 IST
Tejashwi yadav, Nitish kumar- India TV Hindi
Image Source : PTI तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार

पटना: बिहार विधानसभा में जातिगत सर्वेक्षण के बाद जो रिपोर्ट पेश की गई है उसके मुताबिर राज्य के 95.49 प्रतिशत लोगों के पास कोई वाहन नहीं है जबकि केवल 3.8 प्रतिशत के पास दोपहिया वाहन हैं और 0.11 प्रतिशत के पास कारें हैं। इस रिपोर्ट में प्रदेश से पलायन पर भी प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि 45.78 लाख लोग दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं जबकि 2.17 लाख लोग विदेश में हैं। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को पेश की गई उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के 13.07 करोड़ लोगों में से 12.48 करोड़ लोगों के पास कोई वाहन नहीं है। केवल 49.68 लाख लोगों या लगभग 3.8 प्रतिशत आबादी के पास दोपहिया वाहन है जबकि सिर्फ 5.72 लाख लोगों या 0.11 प्रतिशत आबादी के पास चार पहिया वाहन हैं। 

 केवल 0.13 प्रतिशत लोगों के पास ट्रैक्टर

रिपोर्ट के अनुसार केवल 1.67 लाख लोगों या 0.13 प्रतिशत के पास ट्रैक्टर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य वर्ग के 2.01 करोड़ लोगों में से कुल 11.99 लाख के पास दोपहिया वाहन हैं। विदेश गए 2.17 लाख लोगों में से 23,738 लोग उच्च शिक्षा अर्जित कर रहे हैं। दूसरे देशों में काम करने वालों में 76,326 लोग सामान्य वर्ग के हैं। इसी तरह बिहार के 45,78,669 लोग यानी आबादी का 3.5 फीसदी लोग दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की 215 जातियों की आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट पेश की थी।

एक तिहाई से अधिक परिवार गरीब

 बिहार विधानसभा में मंगलवार को पेश की गई जाति सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में रहने वाले एक तिहाई से अधिक परिवार गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं और उनकी मासिक आय छह हजार रुपये या उससे कम है। रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया कि सवर्ण जातियों में काफी गरीबी है। हालांकि, पिछड़े वर्गों, दलितों और आदिवासियों में यह प्रतिशत अनुमानतः काफी अधिक है। बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार राज्य में लगभग 2.97 करोड़ परिवार हैं जिनमें से 94 लाख से अधिक (34.13 प्रतिशत) परिवार गरीब हैं। 

साक्षरता की दर में सुधार

उन्होंने कहा कि साक्षरता की दर में सुधार हुआ है और यह 2011 की जनगणना के अनुसार 69.8 प्रतिशत से बढ़कर 79.8 प्रतिशत हो गई और महिलाओं ने शिक्षा के मामले में अपेक्षाकृत लंबी छलांग लगाई हैं। मंत्री ने कहा, इसमें आश्चर्य की बात नहीं है कि राज्य में लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है, जहां प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 918 से बढ़कर 953 हो गयी है। रिपोर्ट के अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्षों के अनुसार 50 लाख से अधिक बिहारवासी आजीविका या बेहतर शिक्षा के अवसरों की तलाश में राज्य से बाहर रह रहे हैं। बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में जीविकोपार्जन करने वालों की संख्या लगभग 46 लाख है जबकि अन्य 2.17 लाख लोग विदेशों में रह रहे हैं। दूसरे राज्यों में पढ़ाई करने वालों की संख्या लगभग 5.52 लाख है जबकि लगभग 27,000 विदेश में भी पढ़ाई कर रहे हैं। (इनपुट-भाषा)

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