पटना। बिहार के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात कुमार की मंगलवार को कोरोना से मौत हो गई। बता दें कि, लगभग एक महीने पहले वे कोरोना से संक्रमित हो गये थे। उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, तबियत बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन आज मंगलवार को उनकी मौत हो गयी।
आईएमए और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने शोक व्यक्त किया
डॉ प्रभात कुमार के निधन की खबर जैसे ही पटना पहुंची सारे लोग स्तब्ध रह गए। सहसा किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि डॉ प्रभात कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि आईएमए (IMA) के तमाम डॉक्टरों समेत सभी डॉक्टर प्रभात कुमार के निधन से बेहद दुखी है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से डॉ प्रभात कुमार जैसे कार्डियोलॉजिस्ट की जान चली जाएगी यह किसी ने नहीं सोचा था। वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी डॉ प्रभात कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका जाना बिहार के लिए अपूरणीय क्षति है। इसके साथ ही प्रभात कुमार जैसे डॉक्टर का हम सब को छोड़ कर चले जाना चिकित्सा जगत के लिए भी अपूरणीय क्षति है।
बिहार में एंजियोप्लास्टी के जनक कहे जाते थे डॉ प्रभात कुमार
1997 में पीजी करने के लिए उन्होंने दिल्ली के आरएमएल (RML) अस्पताल में अपने कैरियर की शुरुआत की थी। डॉ प्रभात कुमार के बिहार आने के पहले यहां के लोग एंजियोप्लास्टी के लिए दिल्ली के एम्स (AIIMS) या फोर्टिस जैसे बड़े अस्पताल में जाना पड़ता था। लेकिन डॉ प्रभात कुमार के आने के बाद उन्होंने यह सुविधा पटना में ही देनी शुरू कर दी। स्थिति यह हो गई थी कि पटना के सबसे व्यस्त कार्डियोलॉजिस्ट माने जाने वाले डॉ प्रभात कुमार से खुद को दिखाने के लिए मरीज महीनों तक इंतजार करने से भी नहीं घबराते थे। आपको बता दें कि डॉ प्रभात कुमार पटना के राजेंद्र नगर स्थित मेडिका हार्ट इंस्टीट्यूट को खड़ा करने में भी बेहद अहम भूमिका निभाई थी।
बिहार में कोरोना वायरस से 111 और की मौत, 6286 नए मामले प्रकाश में आए
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान 111 और मरीजों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या मंगलवार को 4039 गई। वहीं संक्रमण के 6286 नए मरीजों की पुष्टि के बाद महामारी के कुल मामले 664115 पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से पटना में चौदह, पश्चिम चंपारण में दस, मुजफ्फरपुर में नौ, बक्सर एवं नालंदा में सात-सात, बेगूसराय, रोहतास एवं वैशाली में छह-छह, पूर्वी चंपारण में पांच, सिवान में चार, भागलपुर, गया, पूर्णिया एवं सारण में तीन-तीन, अरवल, भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद, कटिहार, मधेपुरा, नवादा एवं समस्तीपुर में दो-दो, अररिया, बांका, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी एवं सुपौल में एक-एक मरीज की मृत्यु हुई है।
बिहार में सोमवार अपराह्न चार बजे से मंगलवार चार बजे तक, कोरोना वायरस संक्रमण के 6286 नए मामले प्रकाश में आए हैं। प्रदेश की राजधानी पटना में सबसे अधिक 924 मामले प्रकाश में आए हैं । इसके अलावा, अररिया में 218, अरवल में 87, औरंगाबाद में 129, बेगूसराय में 273, भागलपुर में 111, दरभंगा में 108, पूर्वी चंपारण में 266, गया में 163, गोपालगंज में 424, जमुई में 60, कैमूर में 51, कटिहार में 137, खगड़िया में 59, किशनगंज में 193, लखीसराय में 87, मधेपुरा में 145, मधुबनी में 191, मुंगेर में 135, मुजफ्फरपुर में 211, नालंदा में 232, नवादा में 68, पूर्णिया में 360, रोहतास में 50, सहरसा में 108, समस्तीपुर में 217, सारण में 149, सीतामढ़ी में 95, सिवान में 153, सुपौल में 265, वैशाली में 181 तथा पश्चिम चंपारण में 206 कोरोना वायरस के मामले पिछले 24 घंटों के दौरान प्रकाश में आए हैं।
राज्य में 595377 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के भीतर ही 11174 मरीज संक्रमण से उबरे हैं। बिहार में वर्तमान में कोविड-19 के इलाजरत मरीजों की संख्या 64698 है। बिहार में मंगलवार को 52007 लोगों ने कोविड-19 का टीका लगवाया। इसमें 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। प्रदेश में अबतक 9310946 लोग टीका ले चुके हैं ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपने संदेश में कहा, ‘‘अब चार लाख 25 हजार से अधिक (कोरोना वायरस की) जांचें प्रतिदिन की जा रही है। अब कोरोना मरीजों की संख्या में प्रतिदिन कमी भी आ रही है।’’ उन्होंने कहा “ कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये पांच से 15 मई तक बिहार में लॉकडाउन लगाया गया। 13 मई को सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ बिहार में लागू लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा की गयी। लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुये अगले 10 दिनों अर्थात 16 से 25 मई तक लॉकडाउन को विस्तारित करने का निर्णय लिया गया।”
नीतीश ने कहा, ‘‘जब से लॉकडाउन लागू किया गया है, हमलोग सभी का ध्यान रख रहे हैं। किसी की उपेक्षा नहीं की गयी है और पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचे। ” मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि लॉकडाउन में मजदूर, निर्धन, निराश्रित, निःशक्त एवं जरूरतमंदों को दोनों वक्त शुद्ध भोजन मिले एवं कोई हो भूखा न रहे, इसलिए सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है।
नीतीश ने कहा कि कोरोना के रोगी जो घर पर पृथक रहकर इलाजरत हैं, उनके शरीर का तापमान एवं ऑक्सीजन स्तर की निगरानी नियमित तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए जाने की शुरूआत की गयी है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजो का ऑक्सीजन स्तर कम होगा, उनका चिकित्सीय पर्यवेक्षण में इलाज कराया जाएगा और उन्हें जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। नीतीश ने कहा, ‘‘पहले की तरह पुनः मैं अपील करता हूं कि मास्क लगाएं, दो गज की दूरी बनाए रखें, हाथ साफ रखें और समय आने पर टीका अवश्य लगाएं।’’