पटना: बिहार में लगातार गिरते पुल के मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने लापरवाही बरतने के चलते 15 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। जल संसाधन विभाग के 11 और ग्रामीण कार्य विभाग के 4 इंजीनियर शामिल हैं। इसके साथ ही दो इंजीनियर्स से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
6 पुराने और 3 निर्माणाधीन पुलिया ध्वस्त
राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया है कि सूबे के विभिन्न जिलों में पिछले दिनों 9 पुल और पुलिया ध्वस्त हो गए थे। इनमें से 6 बहुत पुराने थे जबकि 3 निर्माणाधीन थे। राज्य सरकार के मु्ताबिक विभागीय जांच में यह पाया गया कि संबंधित इंजीनियर्स ने इन पुल और पुलिया को सुरक्षित रखने के लिए एहतियातन उपाय नहीं किए गए। साथी संवेदक के स्तर पर भी लापरवाही बरती गई है।
नए पुलों के निर्माण का आदेश
बता दें कि राज्य सरकार ने नए पुलों के निर्माण का आदेश भी दिया है। इसके अलावा राज्य पुल निर्माण निगम से जल्द से जल्द रख रखाव और मरम्मत का अनरोध किया गया है। पिछले दिनों सीवान, अररिया, पश्चिम चंपारण समेत कई जगहों पर पुल गिरने की घटनाएं सामने आने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया है।
24 घंटे के भीतर सारण में तीन पुल ठह गए थे जिसके बाद पुलों के गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था। गंडकी नदी पर बनयपुर प्रखंड में स्थित यह छोटा पुल सारण के कई गांवों को पड़ोसी सिवान जिले से जोड़ता था। सारण एवं सिवान जिलों में बुधवार को चार छोटे पुल गिर गये थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण शायद ऐसा हुआ है। सिवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में पिछले 16 दिन में 10 पुल ढह गए हैं।
बिहार में पुल गिरने की हालिया घटनाओं पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को राज्य में सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने तथा तत्काल मरम्मत की जरूरत वाले पुलों की पहचान करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को पुलों के लिए अपनी संबंधित रखरखाव नीति तत्काल तैयार करने को भी कहा है।’’