वैशाली: बिहार में गंगा नदी पर बना जमींदारी घाट पीपा पुल मंगलवार की दोपहर को आई तेज आंधी-बारिश में बह गया। इसके बह जाने से राघोपुर जिला मुख्यालय का हाजीपुर से सड़क का संपर्क भंग हो गया है और लोगों को काफी समस्या हो गई है। बता दें कि वैशाली में दियारे के करीब तीन लाख आबादी रहती है और पुल के बह जाने से इस आबादी के सामने यातायात की समस्या उत्पन्न हो गई है।
लोगों की बढ़ी चिंता
बता दें कि राघोपुर जिला मुख्यालय के आसपास रहने वाले लोगों के आवागमन का एकमात्र सहारा यह पुल था अब इसके बह जाने से लोगों के यातायात का सहारा बस नाव रह गया है। अब पूरी बरसात और बरसात के बाद तक राघोपुर दियारे के लोग गंगा मैया की कृपा पर ही नदी पार करेंगे। इस गांव के लोग बड़ी संख्या में पहले से तय शादी-ब्याह को लेकर चिंतित हैं कि अब बारात कैसे जाएगी और आएगी। मजबूरी में बरातियों समेत दूल्हा-दुल्हन को नाव से ही नदी पार करना पड़ेगा।
नाविकों की हो गई है बल्ले-बल्ले
पीपा पुल बह जाने से एक बार फिर से नाविकों की बल्ले -बल्ले हो गई है और उन्होंने अब अपना भाड़ा भी बढ़ा दिया है। पहले जहां प्रति खेप प्रति व्यक्ति 10 रुपये भाड़ा लगता था। अब यह बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही नाव होने के कारण इस पर ओवरलोडिंग भी शुरू हो गई है, जिससे खतरे की आशंका फिर मंडराने लगी है।
भाजपा ने लगाया आरोप
भाजपा नेता गौतम सिंह ने बताया कि सरकार का 85 लाख रुपया खर्च होने के बावजूद पीपा पुल सही तरीके से सेवा प्रदान नहीं कर सका। संवेदक ने काफी लेट से पीपा पुल लगाया और जैसे-तैसे एप्रोच रोड बनाया गया। बता दें कि विभागीय आदेश था कि 15 जून के बाद पीपा पुल खोलकर हटा लिया जाएगा।