कटिहार: बिहार इन दिनों खूब चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में प्रदेश में हुई सत्ता परिवर्तन ने जमकर सुर्खियां बटोरी थीं। इसके साथ ही BPSC शिक्षक भर्ती की भी देशभर में चर्चा हुई। इसमें बिहार के अलावा कई ने राज्यों के लोगों को भी नौकरी मिली। तमाम अभ्यार्थियों की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है और अब उन्हें ज्वाइन कराया जा रहा है। इससे पहले उनका बायोमैट्रिक कराया जा रहा है। इस दौरान कटिहार जिले से पहला फर्जी शिक्षक पकड़ा गया है।
भर्ती प्रक्रिया का चल रहा था अंतिम चरण
दरअसल BPSC शिक्षक बहाली TRE - 2 की परीक्षा का अंतिम चरण शिक्षा विभाग में चल रहा था। सभी सफल अभ्यर्थियों का चेहरा मिलान और अंगूठा मिलान विभाग के द्वारा किया जा रहा था। मौके पर पुलिसबल और दंडाधिकारी मौजूद थे, लेकिन नव नियुक्त महिला - पुरुष शिक्षकों की भीड़ में बिहार के मधुबनी जिला के फुलपरास थाना क्षेत्र में सुग्गापट्टी गांव के ओंकार नाथ भिंडवार ने बगैर BPSC की परीक्षा दिए पहुंच गया।
विभाग में उसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला
आरोपी अन्य अभ्यार्थियों की तरह अपना भी चेहरा और अंगूठा मिलान कराने लगा। बस यहीं से गड़बड़ हो गई। शिक्षा विभाग में उसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इसके पीछे की वजह यह थी कि क्योंकि आरोपी ने परीक्षा दी ही नहीं थी। अधिकारियों ने चेहरा और अंगूठे के निशान मिलाये लेकिन मिलान हुआ ही नहीं। इसके बाद आरोपी डरकर भागने लगा। इसके बाद जांच स्थल पर मौजूद कर्मचारियों ने दौड़कर इसे पकड़ा, तब जाकर ये फर्जी बंदा बस में आया।
आरोपी पर होगी क़ानूनी कार्रवाई
घटना के बाद पूरे पूरा शिक्षा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया और लगे हाथ अधिकारियों ने खुद अपने चेंबर में इस फर्जी शिक्षक का चेहरा और अंगूठा का मिलान करवाया लेकिन दोनों में से कोई भी मिलान नहीं हो पाया। इसके बाद आरोपी ओंकार नाथ भिंडवार ने अपने फर्जीवाड़े को स्वीकार करते हुए बताया कि वह खुद लिखित परीक्षा में नहीं बैठा था। वह फॉर्म भरकर मुंबई काम करने चला गया था। परीक्षा में उसकी जगह कोई और बैठा था।
रिपोर्ट - निरंजन सिंह