Highlights
- राज्य के अधिकारियों और इस्लामी चरमपंथी संगठनों को देना चाहते थे संरक्षण
- नीतीश कुमार को वोट बैंक की चिंता है
- मानसिक असंतुलन की शुरुआती संकेत हैं
Bihar News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख में बदलाव के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और इस्लामी चरमपंथी संगठनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) एवं सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के बीच ‘‘साठगांठ’’ को शनिवार को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह भी आरोप लगाया कि ये अधिकारी ‘‘राष्ट्रीय जनता दल के प्रति सहानुभूति रखते हैं’’ और वह (RJD) ‘‘उन्हें बचाने के लिए संभवत: हरसंभव प्रयास करेगा।’’ राजद महागठबंधन में संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा घटक है।
बीजेपी ने लगाए आरोप
उन्होंने कहा, ‘‘NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने बिहार में PFI और SDPI के आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और इनके कई वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। भाजपा, राष्ट्रीय हित में कार्य करते हुए उन्हें बचाने की कोशिश नहीं करती, लेकिन इससे नीतीश कुमार नाराज हो गए। उन्हें वोट बैंक की चिंता है।’’
JDU ने दिए जवाब
जायसवाल के आरोपों पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, ‘‘इस तरह के बयान मानसिक असंतुलन की शुरुआत का संकेत देते हैं। किसी अन्य दल को भाजपा को दिल्ली में गद्दी से उतारकर सरकार बनाने दीजिए। इसके बाद सभी पार्टी नेता मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में नजर आएंगे।’’
बीते दिनों नीतीश कुमार ने बीजेपी से तोड़ा गठबंधन
गौरतलब है, हाल ही में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ लिया। नीतीश ने RJD के साथ गठबंधन कर आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राजद, उस महागठबंधन का नेतृत्व कर रही है, जिसने कुमार को अपना नेता चुना था।
जदयू और राजद के अलावा नए मंत्रिमंडल में कांग्रेस के नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है। वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बाहर से नई सरकार का समर्थन करने का इरादा व्यक्त किया है। खबरों के मुताबिक नीतीश कुमार ने अपना बहुमत साबित करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र और 25 अगस्त को विधान परिषद बुलाने का प्रस्ताव पारित किया है। इसे लेकर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को प्रस्ताव से अवगत करा दिया गया है।