लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही समय बाकी रह गया है। ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। सीटों के हिसाब से बिहार को चुनाव में अहम राज्य माना जाता रहा है। यहां लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं जिनपर भाजपा, जदयू और राजद का दबदबा रहता है। उम्मीद की जा रही है कि जदयू और राजद इस बार इंडिया अलायंस के तहत साथ चुनाव लड़ेंगे। इस बीच भाजपा ने बिहार में लव-कुश रथ यात्रा की शुरुआत की है। आपको बता दें कि ओबीसी जातियां कुर्मी और कोइरी को बिहार में लव-कुश समाज कहा जाता है जो कि नीतीश कुमार के वफादार वोटर माने जाते हैं। ये यात्रा शुरू तो राम मंदिर के नाम पर हुई है लेकिन इसके राजनीतिक महत्व भी निकाले जा रहे हैं।
राज्य के हर जिले में जाएगी यात्रा
भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मंगलवार को लव-कुश रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाई है। ये यात्रा अयोध्या पहुंचने से पहले बिहार के सभी 38 जिलों से होकर गुजरेगी। इस रथ यात्रा का पडाव माता सीता की जन्म स्थली सीतामढी के पुनौरा धाम और बक्सर में विश्वामित्र आश्रम जैसे रामायण से जुड़े स्थानों पर निर्धारित किया गया है।
क्या नीतीश के वोटबैंक में सेंध है मकसद?
भगवान राम और देवी सीता के पुत्रों के नाम पर निकाली गई लव-कुश रथ यात्रा को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के मूल आधार यानी लव-कुश समाज में सेंध लगाने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में ओबीसी जातियां कुर्मी और कोइरी को यहां की राजनीतिक शब्दावली में लव-कुश कहा जाता रहा है जो नीतीश कुमार के कोर वोटर माने जाते हैं।
नीतीश बन सकते हैं I.N.D.I.A के संयोजक
नाराज चल रहे नीतीश कुमार को अब गठबंधन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार नीतीश और कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन के बड़े नेताओं की कल यानी 3 दिसंबर को जूम एप पर बात होगी। INDIA गठबंधन में नीतीश की अहम भूमिका को देखते हुए कांग्रेस के बड़े नेता उनको संयोजक बनाने का प्रस्ताव दे सकते हैं।
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