लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी ने बिहार में यादवों को भी अपनी ओर लाने के लिए अलग-अलग तरकीबें निकालनी शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में भाजपा ने मंगलवार को बिहार में एक विशाल समारोह का आयोजन किया। पार्टी ने इस समारोह को 'यदुवंशी मिलन समारोह' नाम दिया था। इस समारोह का असर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर काफी देर तक "यादव विद मोदी" का हैशटैग भी ट्रेंड करता रहा।
नित्यानंद राय थे अतिथि
भाजपा ने भगवान कृष्ण जिनका वंशज यादव खुद को बताते हैं, उनसे जुड़े त्योहार गोवर्धन पूजा के अवसर पर यदुवंशी मिलन समारोह का आयोजन किया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय भी इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पहुंचे थे।
लालू ने लगाया यादव विरोध का आरोप
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बीते दिन कहा था कि जहां-जहां भाजपा का राज है, वहां-वहां यदुवंशियों को खंडित किया जा रहा है। कृष्ण भगवान ने जैसे कमजोर लोगों और प्राणियों की रक्षा की उसी तरह से हमारी गठबंधन की सरकार में 75% आरक्षण दिया गया। इसके अलावा लाखों लोगों को भी शिक्षक बनाया गया है और लाखों बहाली होने वाली है। हमारे शासन के पहले कमजोर तबके के लोगों को मतदान करने नहीं दिया जाता था।
बिहार में यादवों की सबसे ज्यादा आबादी
बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में जातिगत सर्वे को पूरा किया था। इस सर्वे में यादवों की आबादी सबसे ज्यादा करीब 14 फीसदी बताई गई है। सर्वे के मुताबिक, राज्य में 3.6 फीसदी ब्राह्मण हैं। राज्य में राजपूतों की संख्या 3.45 फीसदी है। वहीं, बिहार में भूमिहारों की आबादी कुल जनसंख्या का 2.86 फीसदी है।
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