पटना: बिहार में हाल ही में जहरीली शराब से पीने से 32 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही, राज्य सरकार की शराबबंदी को लागू करने की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने शराब से हुई मौतों का ठीकरा जनता और पुलिस के ऊपर फोड़ दिया है। भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल का कहना है कि कानून तो सख्त है लेकिन लोग जागरूक नहीं है और पुलिस का माफिया पर नियंत्रण कम है।
संजय जायसवाल का बयान
संजय जायसवाल ने कहा, "कानून सख्त है और कड़े नियमों से बनाया गया है लेकिन हालात बताते हैं कि लोग उतने जागरूक नहीं हैं। सरकार का प्राथमिक काम गांवों में माफिया गिरोहों को रोकना होगा क्योंकि पुलिस का नियंत्रण कम है।" हालांकि, विपक्ष राज्य में जहरीली शराब से हुए मौतों के लिए नीतीश कुमार नीत NDA सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
विपक्ष का आरोप- दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती सरकार
विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'शराबबंदी कागज पर है, खुलेआम बिक रही है (शराब)। लेकिन, सीएम जिद्द बनाए हुए हैं और ईमानदारी के साथ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जांच हुई, पुलिस अधिकारियों और मंत्री का नाम सामने आया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।'
बिहार में कहां कितनी मौतें हुईं?
प्रशासन ने बेतिया में 15 और गोपालगंज में 13 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है। लेकिन, बताया जा रहा है कि आंकड़ा और भी ज्यादा है और मरने वालों की तादाद अभी और बढ़ सकती है। क्योंकि, जहरीली शराब के शिकार कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा समस्तीपुर में भी अवैध शराब से 4 लोगों की मौत हुई है।
जहरीली शराब से मौतों के मामले लगातार सामने आते रहे
बिहार में अप्रैल 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई थी। सरकार की ओर से इसे एकदम कड़ाई से लागू किए जाने का दावा किया जाता रहा है लेकिन सिर्फ साल 2021 में ही अभी तक 13 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 66 लोगों की मौत हो चुकी है।