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बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, अभ्यर्थियों से लिए गए थे 10-10 लाख रुपए, 300 लोग गिरफ्तार

बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में ये खबर सामने आई है कि सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए लिए थे। इसका खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुआ है।

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: March 17, 2024 13:14 IST
Bihar- India TV Hindi
Image Source : PTI/REPRESENTATIVE PIC बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ी खबर

पटना: बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए लिए थे। अभ्यर्थियों को झारखंड के हजारीबाग ले जाया गया था। पटना पुलिस ने करीब 300 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। 

अभ्यर्थी समेत गैंग के मेंबर्स को कोर्ट ने जेल भेजा है। बिहार में किसी भी परीक्षा में पेपरलीक मामले में यह अभी तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। 

हजारीबाग में बैठकर हो रही थी तैयारी

इस मामले में ये भी सामने आया है कि 14 मार्च को ही प्रश्न बाहर आ गए थे, परीक्षा के बाद प्रश्न का मिलान करने पर वे बिल्कुल एक से पाए गए हैं। पता चला है कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली के लिए जालसाजों ने झारखंड के हजारीबाग में बैठकर तैयारी की थी। ये रैकेट हजारीबाग से संचालित हो रहा था। इसका खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुआ है।

हजारीबाग से गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इस रैकेट के संचालन में बिहार सरकार के कई अफसरों की संलिप्तता के सबूत मिल रहे हैं। बिहार के एक वरिष्ठ अधिकारी के नेमप्लेट की एक गाड़ी भी हजारीबाग में जब्त की गई है। बिहार पुलिस के प्रेस नोट के अनुसार इस पेपर को लीक कराने के लिए 10 लाख में डील हुई थी, और प्रश्नपत्र 14 मार्च को ही बाहर आ गया था।

बिहार में लोक सेवा आयोग का पेपर कैसे लीक हुआ?

बिहार में लोक सेवा आयोग का पेपर लीक कैसे हुआ? इसके लिए आपको पूरी टाइमलाइन समझनी होगी। दरअसल 13 मार्च को पुलिस को अपने सीक्रेट लिंक्स से ये खबर मिलती है कि कुछ लोग BPSC का पर्चा लीक करने की साजिश रच रहे हैं और इसके लिए वो अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए की डिमांड कर रहे हैं।

इसके बाद 14 मार्च को इकॉनमिक ऑफेंस यूनिट की एक स्पेशल टीम बनाई जाती है, जो पूरे पटना के करबिगहिया इलाके से गैंग के एक मेंबर को उठाती है। जो पुलिस टीम को झारखंड के हजारीबाग का लिंक बताता है। वो बताता है कि अभ्यर्थी को हजारीबाग में आंसर सीट के जरिए जवाब रटवाए जा रहे हैं। इसके बाद पटना पुलिस झारखंड पुलिस की मदद से हजारीबाग के कोहिनूर होटल पर रेड करती है और वहां से 330 के करीब अभ्यर्थी और गैंग के 5 मेंबर को गिरफ्तार कर बिहार लाया जाता है। 16 मार्च को पटना सिविल कोर्ट में आरोपियों को पेश कर जेल भेज दिया जाता है।

पुलिस ने पेपर लीक के आरोपियों के पास से कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से एग्जाम सेंटर के एंट्री कार्ड, ऑरिजिनल सर्टिफिकेट, ब्लैंक चेक, 50 मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद की है। जिसका इस्तेमाल पेपर लीक की धांधली में किया गया था।

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