Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इन दिनों खूब उथल पुथल मचा हुआ है। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड में भी खूब उठा-पटक चल रहा है। जहां पहले उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा। वहीं अब आरा से पूर्व सांसद और भोजपुर की चर्चित नेता मीना सिंह ने जदयू का साथ छोड़ दिया है। जदयू छोड़ने के साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड को मजबूत करने के लिए हमने हर संभव प्रयास किए। जहां पार्टी को जरूरत पड़ी वहां मौके पर खड़ी रही। बावजूद इसके जदयू से उन्हें बेरुखी झेलना पड़ा। मीना सिंह के मुताबिक अब जदयू में काम करते रहना उनके लिए मुश्किल हो गया है। मीना सिंह ने यह आरोप लगाते हुए जदयू छोड़ा कि पार्टी अपनी नीतियों और सिद्धांतों से भटक गई है।
क्या बोलीं मीना सिंह
मीना सिंह ने जदयू का साथ छोड़ते हुए कहा कि जदयू में अब पुराने और पार्टी के प्रति समर्पित लोगों के लिए जगह नहीं बची है। मेरे जैसे समर्पित नेता और कार्यकर्ता की कोई पूछ नहीं है। मेरे लिए अब पार्टी में रहने का अब कोई मतलब नहीं बनता है। ऐसे में मैं ऐलान करती हूं कि मैं जदयू का साथ छोड़ रही हूं। बिहार की राजनीति में मीना सिंह के इस्तीफे को नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कौन हैं मीना सिंह
बता दें कि मीना सिंह बिहार की राजनीति में एक अहम नाम हैं। इनका परिवार राजनीति में काफी अर्से से मशहूर रहा है। मीना सिंह के ससुर तपेश्वर सिंह थे। इन्हें सहकारिता किंग के नाम से जाना जाता था। मीना सिंह ने साल 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा और आरा से चुनाव जीतकर वह सांसद बनीं। हालांकि इस दौरान जदयू एनडीए गठबंधन का भाग था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि मीना सिंह के पति दिवंगत अजीत सिंह बिक्रमगंज से सांसद रह चुके हैं। पति अजीत सिंह के निधन के बाद मीना सिंह ने साल 2008 में बिक्रमगंज लोकसभा सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज की थी।
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