Highlights
- 'प्रशांत किशोर कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं'
- 'बिजनेस को बढ़ाने के लिए पीके मार्केटिंग करते हैं'
- 'PK का बयान उनके मार्केटिंग का हिस्सा होता है'
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद जदयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने पीके को बिजनेसमैन बताया है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं, वह एक बिजनेसमैन हैं। उन्होंने कहा, "बिजनेस को बढ़ाने के लिए पीके मार्केटिंग करते हैं। जो भी वो बयान देते हैं, वो उनके मार्केटिंग का एक हिस्सा होता है।"
PK खुद सीएम से मिलना चाहते थे- ललन सिंह
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल होने का कोई ऑफर नहीं दिया गया। वह खुद सीएम से मिलना चाहते थे। उन्होंने कहा, "सीएम नीतीश कुमार ने आखिरकार उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने के लिए कहा। हमने दिल्ली में 1.5 घंटे बात की। उनसे कहा कि वे पार्टी के अनुशासन के भीतर काम करें और सभी को पार्टी के फैसले को अलग-अलग राय के बावजूद स्वीकार करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "सीएम से मिलने के लिए PK के लिए शाम 4 बजे का समय तय किया गया था, लेकिन उससे 2 घंटे पहले उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें बुलाया गया है, लेकिन वे नहीं जाएंगे, सीएम इंतजार करेंगे। यह सब मार्केटिंग का हिस्सा है।"
'CM से कोई मिलना चाहेगा तो क्यों मना करेंगे'
जदयू अध्यक्ष ने कहा, "अभी भी जो PK मुख्यमंत्री से मिलने आए थे, उनसे पहले पवन वर्मा मिलने आए थे। मुख्यमंत्री से उन्होंने (पवन वर्मा ) कहा कि प्रशांत किशोर भी आपसे मिलना चाहते हैं, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि बुला लीजिए। मुख्यमंत्री से कोई मिलना चाहेगा तो क्यों मना करेंगे। सीएम से मिलकर बाहर निकल कर बोल रहे हैं कि उनको ऑफर मिला था। उनको ऑफर कहां मिला था। जदयू की तरफ से कोई ऑफर नहीं दिया गया था।"
PK मंगलवार रात दो घंटे सीएम आवास पर रहे
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे प्रशांत किशोर ने मंगलवार को सीएम के आधिकारिक आवास पर डिनर टेबल पर उनसे मुलाकात की थी। तब जानकारी सामने आई थी कि नीतीश कुमार ने उन्हें पूर्व राज्यसभा सांसद पवन कुमार वर्मा के माध्यम से बुलाया और किशोर मंगलवार रात दो घंटे सीएम आवास पर रहे और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
वहीं, दिल्ली में विपक्षी एकता को मजबूत करने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया था कि किशोर बिहार के एबीसी को नहीं जानते हैं और एक बिजनेसमैन हैं, जिन्होंने देश में कई पार्टियों के साथ काम किया, जबकि उन्हें जेडीयू के साथ रहने का प्रस्ताव दिया गया था। प्रशांत किशोर ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार 2024 या 2025 से पहले अपनी 'पल्टीमार' योजना को फिर से सक्रिय कर देंगे।
सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई थी कि पवन कुमार वर्मा ने सोमवार को नीतीश कुमार से मुलाकात की और बाद में कथित तौर पर उन्हें प्रशांत किशोर को उनके साथ काम करने के लिए मनाने का काम सौंपा। सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनके साथ काम करने का प्रस्ताव दिया।