Highlights
- 1 महीनों तक रहेंगे नीतीश कुमार बिहार के सीएम
- 22 साल में 7 बार मुख्यमंत्री बने नीतीश
- 'बीजेपी ने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की, हमें धोखा दिया'
Bihar Political Crisis: बिहार में बहार की कहानी लाने वाले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अब फिर से बाजी पलट दी है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा और एनडीए से गठबंधन तोड़कर उन्होंने फिर से आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार पहली बार आरजेडी के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। उन्होंने 2015 में भी आरजेडी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई थी। खबरों की माने तो नीतीश कुमार फिलहाल अगले 11 महीनों तक बिहार के सीएम बने रहेंगे। नीतीश कुमार का कहना है कि उनके पास 164 विधायकों और सात पार्टियों का समर्थन है। उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी भी सौंप दी है।
हमारे पास 7 पार्टियों का समर्थन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास 7 पार्टियों का समर्थन है और उनके 164 विधायक हमारे साथ हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पार्टी के नेताओं ने मिलकर ये फैसला किया कि हमें एनडीए से अलग हो जाना चाहिए। वहीं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कहा कि उनका इस मु्द्दे पर एक ही स्टैंड है जो पहले से चला आ रहा है। नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके पास 164 विधायकों और 7 पार्टियों का समर्थन है और वह उनके साथ मिलकर सरकार बनाएंगे।
'बीजेपी ने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की, हमें धोखा दिया'
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक बार फिर पलटी मारी है। उन्होंने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया है। जेडीयू विधायकों और सांसदों की मीटिंग में उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया। आज सुबह से ही बिहार की सियासत में गरमाहट देखी जा रही थी। अलग-अलग दलों के नेताओं की बैठकें हो रही थीं लेकिन सबकी नजरें जनता दल यूनाइटेड के सांसदों और विधायकों की बैठक पर थी। क्योंकि इसी बैठक में एनडीए के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर ऐलान होना था। आखिरकार जेडीयू ने बीजेपी से अलग होने के रास्ते को चुन लिया। बैठक में नीतीश ने कहा, 'बीजेपी ने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की, हमें धोखा दिया। बीजेपी ने हमेशा जेडीयू को अपमानित किया।'
22 साल में 7 बार मुख्यमंत्री बने नीतीश
नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च, 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि बहुमत नहीं मिल पाने के कारण उन्हें महज सात दिन बार 10 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद दूसरी बार 2005 में उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बनाई। फिर उन्होंने 24 नवंबर, 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली और अपना कार्यकाल पूरा करते हुए 24 नवंबर, 2010 तक इस पद पर रहे। नीतीश तीसरी बार 26 नवंबर, 2010 में एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। इन चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला था और उसने 243 में से 206 सीटों पर जीत दर्ज की थी।