बिहार में का बा? इस सवाल का जवाब तो नहीं पता, लेकिन बिहार में प्रशासन, पुलिस और सीएम की संवेदनहीनता जरूर दिखी है। बिहार पुलिस की संवेदनहीनता एक बार फिर कैमरे पर कैद हुई है। संवेदनहीनता इतनी की सीएम नीतीश कुमार का काफिला जबतक गुजर नहीं गया तब तक एंबुलेंस को जाने नहीं दिया गया। इस चक्कर में एंबुलेंस को 1 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। बिहार के नालंद में नीतीश कुमार एथेनॉल फैक्ट्री का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान जब उनका काफिला निकलने लगा तो आने-जाने वाली गाड़ियों को रोक दिया गया और तब जाकर नीतीश कुमार का काफिला वहां से गुजरा।
बिहार में का बा? संवेदनहीनता या कुछ और
इस दौरान एक एंबुलेंस भी भीड़ का हिस्सा बनकर रह गई और उसे भी घंटेभर तक रास्ते के खुलने का इंतजार करना पड़ा। यह एंबुलेंस फतुआ से पटना जा रही थी। दरअसल एंबुलेंस में एक बीमार नवजात बच्चा था, जिसके साथ उसकी मां अन्य लोग एंबुलेंस में सवार थे। तभी नालंदा से लौट रहे सीएम नीतीश कुमार के काफिले को पास कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ियों को एक तरफ रोक दिया। इस कारण वहां लंबा जाम लग गया। इसी जाम में नवजात मरीज को लेकर पटना जा रही एंबुलेंस भी फंस गई। इस दौरान जाम में फंसे एंबुलेंस का सायरन भी लगातार बज रहा था, लेकिन प्रशासन के किसी अधिकारी के कान पर जू तक नहीं रेंगा।
सीएम का काफिले का रुतबा
रास्ते पर लगे जाम के कारण एंबुलेंस को निकलने का रास्त नहीं मिला। नीतीश कुमार के काफिले को आने और जाने में तथा रास्ता खुलवाने में लगभग 1 घंटे का समय लगा, तब जाकर एंबुलेंस को बाहर निकाला जा सका। बता दें कि सीएम नीतीश कुमार के साथ नालंदा में एथेनॉल फैक्ट्री के उद्घाटन समारोह में वित्तमंत्री विजय चौधरी, उद्योग मंत्री समीर महासेठ, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, जल संसाधन सह जनसंपर्क मंत्री संजय झा और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार भी शामिल हुए थे। इस कारण नीतीश कुमार के काफिले में गाड़ियों की संख्या भी अधिक थी।
पीड़ित परिवार ने क्या कहा
इस दौरान इंडिया टीवी ने पीड़ित परिजनों से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि वे फतुआ से आ रहे हैं और उन्हें पटना जाना है। उन्होंने कहा कि रास्ता खुलवाइए, जाम इसलिए लगा है क्योंकि नीतीश जी आ रहे हैं। हम बच्चे को इमरजेंसी में लेकर पटना जा रहे हैं।