Bihar News: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी भाकपा माले ने बिहार में गठित नई महागठबंधन सरकार में शामिल नहीं होने और बाहर से सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। बिहार में भाकपा माले के 12 विधायक हैं। पार्टी ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की मांग की है।
जबकि दूसरे वाम दलों मे CPI ने सरकार में शामिल होने का फैसला किया है। हालांकि CPM की तरफ से अभी अंतिम फैसला नहीं किया गया है। CPI और CPM दोनों के 2-2 विधायक हैं। इसी बीच कैबिनेट का विस्तार और शपथ ग्रहण 16 अगस्त को किए जाने की संभावना है।
बदली बिहार की राजनीति, जब नीतीश आरजेडी के समर्थन से सीएम बने
गौरतलब है कि 22 साल में 8वां मौका बना, जब नीतीश कुमार सीएम बने 10 अगस्त को नीतीश कुमार ने सीएम पद की और तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। नीतीश 22 साल में आठवीं बार बिहार के सीएम बने। उन्होंने बीजेपी से अलग होकर आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने और महागठबंधन के साथ आने का निर्णय लिया था। महागठबंधन में 7 पार्टियां शामिल हैं। बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर बहुमत का आंकड़ा 122 का है, वहीं नीतीश ने 164 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शपथग्रहण के बाद अब कैबिनेट विस्तार को लेकर कवायद चल रही है।
कांग्रेस के कोटे में कितने मंत्री होंगे, बोले भक्त चरण दास
उधर, आरजेडी और जेडीयू के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी समर्थन देने की घोषणा की थी। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि राज्य की नई महागठबंधन सरकार में उनकी पार्टी के कोटे के मंत्रियों की संख्या बातचीत के जरिये तय की जा चुकी है। भक्त चरण दास ने कहा कि 16 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि कांग्रेस कोटे के कितने मंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार में शामिल होंगे। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि इस सरकार में कांग्रेस की हिस्सेदारी सम्मानजनक होगी और पार्टी विधायकों की संख्या के मुताबिक होगी।
तेजस्वी का 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी के वादा सुखियों में
इसी बीच नई सरकार के गठन के बाद से ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने के बयान पर बवाल मच गया है। एक ओर तो तेजस्वी ने मीडिया में यह सफाई दी कि वे अभी डिप्टी सीएम हैं, सीएम नहीं। यदि जब वे सीएम बनेंगे तब वे अपना वादा पूरा करेंगे। दरअसल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी के घोषणा पत्र के जरिए वादा किया था कि वह सरकार में आने पर 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे। इसलिए तेजस्वी के डिप्टी सीएम बनने के बाद उनके इस वादे को लेकर सवाल उठे हैं। नीतीश कुमार से भी इसे लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। इसी संबंध में जब सीएम नीतीश सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव सही हैं और हम उनके वादे को पूरा करने के लिए काम करेंगे।