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Bihar News: बिहार पुलिस के लिए सिरदर्द बने ये 2 बैल, शराब तस्करी में हुए थे जब्त

Bihar News: बिहार पुलिस शराब तस्करी को रोकने के लिए हर जतन करती है, लेकिन फिर भी शराब की तस्करी पर राज्य में कुछ खास फर्क नहीं पड़ रहा है। तस्करों के बाद अब बिहार पुलिस के लिए ये दो बैल परेशानी का सबब बन गए हैं।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Sep 28, 2022 20:13 IST, Updated : Sep 28, 2022 20:13 IST
Bihar News
Image Source : FILE PHOTO Bihar News

Highlights

  • बिहार पुलिस के लिए सिरदर्द बने ये 2 बैल
  • शराब तस्करी में हुए थे जब्त
  • बैलगाड़ी का कोई खरीददार सामने नहीं आया

Bihar News: बिहार पुलिस शराब तस्करी को रोकने के लिए हर जतन करती है, लेकिन फिर भी शराब की तस्करी पर राज्य में कुछ खास फर्क नहीं पड़ रहा है। तस्करों के बाद अब बिहार पुलिस के लिए ये दो बैल परेशानी का सबब बन गए हैं। दरअसल, बिहार के गोपालगंज जिले की पुलिस और उत्पाद विभाग ने शराब तस्करी के मामले में दो बैलों को जब्त किया था, लेकिन अब इन बैलों की देख रेख करना पुलिस के लिए मुसीबत बन गया है। यह पूरा मामला जादोपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। जादोपुर पुलिस के पास आठ महीनों से यह बैलों का जोड़ा है। हालांकि, पुलिस ने इन दोनों बैलों की देखरेख का जिम्मा एक किसान को दे दिया है।

पुलिस के मुताबिक, गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी 2022 को शाम के पौने आठ बजे के करीब रामपुर टेंगराही गांव के नजदीक शराब की तस्करी के आरोप में एक बैलगाड़ी को पकड़ा गया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद सिंह के बयान पर मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर के मुताबिक एंटी लिकर टास्क फोर्स ने इस बैलगाड़ी को शराब तस्करी के मामले में जब्त किया था और इससे कुछ शराब बरामद किए थे।

बैलगाड़ी का कोई खरीददार सामने नहीं आया

इसके बाद जब्त किए गए दोनों बैलों की जिम्मेदारी थाना पुलिस पर आ पड़ी। कुछ दिन तो दोनो बैल थाना परिसर में रहे, लेकिन बाद में पुलिस ने परेशानी को देखते हुए थाने के पास के एक गांव वाले को इन्हें रखने के लिए तैयार कर लिया। पुलिस का कहना है कि बैलों को थाने में रखना आसान नहीं था। इस दौरान इस परेशानी की जानकारी जब जिलाधिकारी को दी गई तब उन्होंने बैल और बैलगाड़ी की कीमत तय कर नीलामी का निर्देश दे दिया। लेकिन, बैलों की कीमत 60 हजार रुपए तय कर दिए गए। लेकिन नीलामी की दो तारीख गुजर गई पर बैल और बैलगाड़ी का कोई खरीददार सामने नहीं आया।

बैल अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं और पुलिस ने इन्हें पास के गांव के एक किसान को इनकी देख रेख करने के लिए दे दिया है। इधर, किसान भी बैलों को लेकर डरा सहमा है। किसान को डर है कि अगर बैल को कुछ हो गया तो वह भी कानूनी रूप से फंस जाएगा। इधर, गोपालगंज के उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार कहते हैं कि बैलों को नीलामी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी कानून सम्मत कार्रवाई है वह जारी है।

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