Highlights
- विष्णुपद मंदिर में मंत्री मोहम्मद इजराइल मंसूरी के प्रवेश का मामला पहुंचा कोर्ट
- अदालत दो सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवाद पर निराशा व्यक्त की
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री मोहम्मद इजराइल मंसूरी के गया के विष्णुपद मंदिर जाने को लेकर शिकायत दाखिल की गई है। मुजफ्फरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और शिकायतकर्ता चंद्र किशोर पराशर ने स्थानीय अदालत में दी गई शिकायत में मंत्री के खिलाफ हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। पराशर के वकील रवींद्र कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे मुवक्किल ने अदालत के समक्ष अपनी शिकायत में कहा कि मंत्री को मुस्लिम होने के कारण विष्णुपद मंदिर नहीं जाना चाहिए था। सनातन धर्म का पालन करने वालों को ही मंदिर में जाने की अनुमति है। हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अदालत दो सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी ।’’ बता दें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य में कैबिनेट मंत्री इसराइल मंसूरी के द्वारा गया में विष्णुपद मंदिर के दर्शन करने के बाद 21 आचार्यों ने मंदिर का 'शुद्धिकरण' किया।
BJP समाज को बांटना चाहती है: नीतीश कुमार
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट सहयोगी मंसूरी के गया में एक मंदिर जाने के विवाद पर निराशा व्यक्त की। कुमार ने बुधवार को पटना में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए अपने पूर्व सहयोगी भाजपा की ‘विभाजनकारी' राजनीति को विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया। जदयू नेता ने पूछा, ‘‘वे (भाजपा) बेवजह के मुद्दों को उठाकर समाज को बांटना चाहते हैं। उनकी क्या शिकायत है। क्या उनके मंत्री मेरे साथ मंदिरों में नहीं गए हैं?’’
21 आचार्यों ने मंदिर का 'शुद्धिकरण' किया
मुस्लिम समाज से आने वाले मंसूरी इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री के साथ गया के दौरे के क्रम में विष्णुपद मंदिर गए थे । भाजपा नेताओं ने परिसर में एक नोटिस बोर्ड का हवाला देते हुए कहा था कि केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को उक्त मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। वहीं एनआई के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य में कैबिनेट मंत्री इसराइल मंसूरी के द्वारा गया में विष्णुपद मंदिर के दर्शन करने के बाद 21 आचार्यों ने मंदिर का 'शुद्धिकरण' किया।