Highlights
- बिहार में अब कोई बच्चा पढ़ाई से दूर नहीं रहेगा
- पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूल में लाया जाएगा
- अभियान नवंबर के पहले ही सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है
Bihar News: बिहार सरकार ने पढ़ाई से दूर हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए सर्वेक्षण कराने की योजना बनाई है। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान स्कूल से बाहर रहने वाले या बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ चुके 6 से 18 साल के बच्चों की खोज की जाएगी। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का यह अभियान नवंबर के पहले ही सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य वैसे बच्चों का पहचान करना है, जो आर्थिक तंगी, अभिभावक के नहीं होने, पढ़ाई में मन नहीं लगने या अन्य तमाम कारणों से स्कूल से दूर हो गए हैं। इस अभियान के करीब तीन से चार सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। इस दौरान करीब सभी घरों में दस्तक दी जाएगी।
अभियान को संयोजित करने का जिम्मा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को मिला है, जबकि इसमें हेडमास्टर, शिक्षक से लेकर जिला और प्रखंडों के तमाम शिक्षा अधिकारी काम करेंगे। साथ ही समाज के लोगों की भी मदद ली जाएगी। इन बच्चों का नामांकन उनके उम्र के मुताबिक किया जाएगा। जैसे 10 साल का बच्चा मिला तो कक्षा चार में दाखिला होगा। ऐसे सभी बच्चों की समझ के स्तर को आंका जाएगा और उन्हें विशेष प्रशिक्षण के जरिए उम्र सापेक्ष कक्षा के लायक बनाया जाएगा। समाज के लोग भी आकर नोडल स्कूल में ऐसे बच्चों की जानकारी दे सकेंगे, जो स्कूल से बाहर हैं।
मिले बच्चों का होगा नामांकन
घर-घर सर्वे के दौरान स्कूल से बाहर रह रहे जो भी बच्चे मिलेंगे, उनका नजदीक के विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा। दाखिला बच्चे की उम्र सापेक्ष कक्षा में होगी। मसलन 10 साल का बच्चा मिला तो कक्षा चार में दाखिला होगा। ऐसे सभी बच्चों की समझ के स्तर को आंका जाएगा तथा उन्हें विशेष प्रशिक्षण के जरिए उम्र सापेक्ष कक्षा के लायक बनाया जाएगा।
सर्वेक्षण में भरे जाएंगे 24 कॉलम
स्कूल से बाहर के बच्चों की खोज में कोई हवाबाजी नहीं चलेगी। सर्वे के दौरान कुल 24 कॉलम का प्रपत्र भरना होगा। प्रखंड, पंचायत, गांव-टोले, विद्यालय का नाम, क्षीतिज बालक-बालिका का नाम, पिता-माता का नाम, मोबाइल नम्बर तथा बच्चे के आधार नम्बर के साथ दर्ज करना होगा।