Highlights
- 'CBI और ED से नहीं डरता'
- बीजेपी से अलग होते ही नीतीश कुमार की पार्टी ने ऐसा क्यों कहा?
- नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली है
Bihar News: बिहार में दो दिनों से चले सियासी घमासान के बीच आज नीतीश कुमार ने 8वीं बार सीएम पद की शपथ ले ली। हालांकि, एनडीए से अलग होते ही नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी पर हमलावर हो गई है। उसने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि वह सीबीआई और ईडी से नहीं डरती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बुधवार को कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर विपक्ष द्वारा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए जाने के बावजूद पार्टी उससे अलग हो गई क्योंकि उसे प्रवर्तन निदेशालय और और सीबीआई का डर नहीं है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में हमारे विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था, जबकि विधायक वहां की सरकार का समर्थन कर रहे थे। ललन सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया।
हम सीबीआई और ईडी से नहीं डरते
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी से अलग होने से जेडीयू जांच एजेंसियों के माध्यम से राजनीतिक प्रतिशोध की चपेट में आ जाएगा? उन्होंने कहा, ‘वे कई एजेंसियों को लगा दें। हम सीबीआई और ईडी से नहीं डरते। कंपनियां चलाने वालों को ही डर में जीने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जीवित रहने के लिए व्यक्तिगत आय के अन्य कानूनी स्रोतों के अलावा सांसदों या विधायकों के रूप में मिलने वाले वेतन पर निर्भर करते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के साथ संबंध तोड़ने के पार्टी के फैसले को उन सभी का समर्थन मिला जो कल की बैठक में शामिल नहीं हो सके, जैसे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मुझसे टेलीफोन पर बात की और कहा कि वह हमेशा नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे।
आरसीपी सिंह बीजेपी के ‘एजेंट’ बन गए थे
जेडीयू प्रमुख ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा का इस्तेमाल कर हमारे उम्मीदवारों के खिलाफ अपने विद्रोहियों को खड़ा करवाया और चुनाव बाद उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया। ललन ने इस आरोप को भी दोहराया कि जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह बीजेपी के ‘‘एजेंट’’ बन गए थे। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी को विभाजित करने की कोशिश की थी, उन्होंने कहा कि कोई भी हमारे बीच दरार पैदा नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा। उनके 30 से अधिक सांसद बिहार और पश्चिम बंगाल से सटे राज्यों से हैं। ललन ने बीजेपी को यह भी याद दिलाया कि वह 2015 के विधानसभा चुनाव में केवल 53 सीटें जीत सकी थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद रिकॉर्ड 42 रैलियां की थीं।