Highlights
- फुलवारी शरीफ मामले में NIA की छापेमारी
- उर्दू बाजार में एक परिवार से पूछताछ जारी
- बिहार में चार जगहों पर हुई छापेमरी
Bihar News: फुलवारी शरीफ मामले में NIA ने फिर से बिहार के अलग-अलग चार जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी है। एनआईए के अधिकारियों का कहना है कि फुलवारी शरीफ मामले में चरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के जुड़े होने की सूचना मिली है, जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। इन चार जगहों में से एक जगह है बिहार के दरभंगा का शंकरपुर गांव जहां इस वक्त एनआईए के अधिकारी मौजूद हैं। वहीं एक टीम उर्दू बाजार में एक घर में किराए पर रह रहे कुछ लोगों से इस मामले में पूछताछ कर रही है। जबकी दूसरी टीम दरभंगा के ही सिंहवाड़ा के सनाउल्लाह उर्फ आकिब और मुस्तिकिम के घर पर छापेमारी कर रही है। दरभंगा के तीनो आरोपियों के घर एक साथ NIA की टीम ने छापेमारी की है।
फुलवारी शरीफ में PFI के गिरोह का हुआ था पर्दाफाश
बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर PFI के गिरोह का पर्दाफाश किया। मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया। पुलिस ने बताया कि इस जगह पर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार ने बताया कि नयाटोला में चलाए जा रहे एक कार्यालय में छापेमारी कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी झारखंड पुलिस के दरोगा पद से रिटायर है जिसका नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है और दूसरे आरोपी का नाम अतहर परवेज है। दोनों आरोपी PFI से जुड़े हुए हैं।
2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की थी प्लानिंग
ASP ने बताया कि जलालुद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि जलालुद्दीन के मकान पर मार्सल आर्ट्स सिखाने के नाम पर आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी और धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उन्हें उकसाया जाता था। मनीष कुमार ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी के बाद कई दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद हुए है, जो मिशन से जुड़ा है। कुछ दस्तावेज ऐसे भी मिले हैं जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का जिक्र है।
बताया जा रहा कि यहां पर कई दूसरे राज्यों से भी लोगों का आना-जाना लगा रहता था। ये लोग अपनी पहचान छुपाकर पटना के होटलों में ठहरते थे। इस समूह को चलाने के लिए अन्य देशों से फंडिंग के भी कागजात मिले हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपी सिमी के गिरफ्तार लोगों को जमानत दिलवाने में भी मदद करते थे। सिमी और PFI की बैठकों में शामिल होता था।