Highlights
- नीतीश को भी नजरअंदाज कर गए थे सुधाकर
- जगदानंद ने की बेटे के इस्तीफे की पुष्टि
- ‘सिर्फ सवाल उठाने से कुछ नहीं होता‘
Bihar News: बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव को भेज दिया है। सुधाकर सिंह के पिता और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसकी पुष्टि की है। महागठबंधन की सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अफसरों पर करप्शन के आरोप लगाए थे।
नीतीश को भी नजरअंदाज कर गए थे सुधाकर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुधाकर सिंह ने खुले मंच से कैमूर की सभा में अपने विभाग के अधिकारियों को ‘चोर‘ तक कहा था। खुद को चोरों का सरकार बताया था। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बात को लेकर टोकने पर सुधाकर सिंह कैबिनेट की बैठक से उठकर चले गए थे। तब इस मामले पर जब चर्चा हुई तो नीतीश कुमार ने बातचीत में कहा था कि इस मामले को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव देखेंगे।
जगदानंद ने बेटे के इस्तीफे पर कही ये बात
सुधाकर सिंह के पिता बिहार आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह हैं। उन्होंने अपने बेटे के इस्तीफे की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने अपना त्यागपत्र सरकार को सौंप दिया है। अब तेजस्वी उनके इस्तीफे के मामले को देखेंगे।
‘सिर्फ सवाल उठाने से कुछ नहीं होता‘
उन्होंने कहा कि बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने किसानों के सवाल को उठाया है। लेकिन सिफ सवाल उठाने से ही कुछ नहीं होता है। उसके लिए त्याग भी करना पड़ता है। हम नहीं चाहते हैं कि कोई लड़ाई आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार अच्छी तरह से चले इसके लिए सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया है।
क्या कहा था सुधाकर सिंह ने?
दरअसल, सुधाकर सिंह ने कैमूर में खुले मंच से कहा था कि हमारे विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं है, जो ‘चोरी‘ नहीं करता है। इस तरह हम चोरों के सरदार हैं। उन्होंने कहा था कि ‘आप पुतला फूंकते रहिए, ऐसा करेंगे तो हमें याद रहेगा कि किसान हमसे नाराज हैं। अगर आप लोग ऐसा नहीं करेंगे तो लगेगा कि सब ठीक चल रहा है। आगे उन्होंने कहा कि अगर कैबिनेट में मैं अकेला बोलता तो लगता कि इनकी अपनी समस्या है। अगर हर कोई बोलेगा तो हमारे ऊपर जो बैठे लोग हैं, वो भी सुनेंगे। इससे पहले भी सरकार में यहां से मंत्री रह चुके थेए बावजूद उसके यहां के लोगों कि स्थिति नहीं बदली।