बिहार से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। आपने बिहार के चारा घोटाले के बारे में सुना ही होगा लेकिन इस बार घोटाला थोड़ा हैरान करने वाला है। इस घोटाले का नाम किडली घोटाला कहा जा रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला के ऑपरेशन करने के दौरान किडनी निकाल लिया गया। इसमें सबसे हैरान करने वाली बात है कि महिला की दोनों किडनी निकाल ली गई।
जानकारी के मुताबिक, ये घटना सितंबर के दूसरे हफ्ते में हुई थी। इस घटना में शामिल पवन कुमार सिंह की गिरफ्तार हुई है। पवन सर्जिकल टीम का हिस्सा था, जिस टीम ने एक महिला का ऑपरेशन किया था और उसके दोनों किडनी निकाल लिए थे। ये घटना मुजफ्फरपुर के शुभकांत क्लीनिक की है।
निकाल लिए गए दोनों किडनी
पीड़िता को पेट में दर्द होने पर क्लिनिक में भर्ती कराया गया था और आरोपी डॉक्टरों ने निरीक्षण के बाद कहा कि उसका गर्भाशय संक्रमित है और उसे निकालने की जरूरत है। परिजनों ने गर्भाशय निकालने के ऑपरेशन के लिए सहमति पत्र भरा लेकिन डॉक्टर आर.के. सिंह ने दोनों किडनी निकाल दी। पीड़िता फिलहाल मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस पर है।
भूटान जाने के लिए बनाया था प्लान
इस घटना के बाद ऑपरेशन में शामिल डॉक्टर मुजफ्फरपुर से फरार हो गया। पवन सिंह भी दिल्ली भाग गया और वहां अपने दोस्त के घर रुका था। उसने भूटान भागने की योजना बनाई थी लेकिन उससे पहले ही वह अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए घर लौट आया। स्थानीय पुलिस को उसके आने की सूचना मिली और एसएचओ सरोज कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने उसके घर पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया।
महिला की तबीयत बिगडी तो क्या हुआ?
पूछताछ के दौरान पवन सिंह ने खुलासा किया कि पीड़िता का ऑपरेशन डॉ आर.के. सिंह और कुछ नर्सिंग स्टाफ ने किया था। उसने कहा कि वह अपने बच्चों को स्कूल से लेने चला गया था, और जब क्लिनिक लौटा ऑपरेशन पूरा हो चुका था लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। सिंह ने मुजफ्फरपुर पुलिस को बताया- डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया।
पता चलते ही भाग गया पवन
उन्होंने मुझे मरीज और उसके परिवार के सदस्यों के साथ पीएमसीएच भेजा, जहां मुझे पता चला कि दोनों किडनी निकाल दी गई हैं। फिर, मैं चुपचाप पीएमसीएच से भाग निकला और दिल्ली पहुंचा। मुजफ्फरपुर के डीएसपी मनोज पांडेय ने कहा, फिलहाल इस घटना में मानव अंग व्यापार का कोई सबूत नहीं मिला है। यह लापरवाही का मामला लगता है। हमने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है। मुख्य आरोपी डॉक्टर आरके सिंह की गिरफ्तारी के बाद ही घटना की असल वजह का पता चल पाएगा।