Saturday, November 02, 2024
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तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के फैसले पर बिहार के मंत्री जमा खान ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था कि मुस्लिम महिलाएं भी दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 के तहत अपने पति से भरण-पोषण की मांग कर सकती हैं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: July 12, 2024 21:51 IST
jama khan- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मंत्री जमा खान

पटना: बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद लोग जागरूक होंगे और तलाक के मामले में कमी आएगी।  उन्होंने आगे कहा कि तलाकशुदा महिलाओं को गुजारा भत्ता मिलने पर लोगों में डर का माहौल रहेगा। इस फैसले के बाद लोग तलाक देने से पहले कई बार सोचेंगे। मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षा भी मिलेगी।

विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर क्या बोले मंत्री?

उन्होंने आगे बताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए राज्य सरकार पहले से लगी हुई है। बिहार के विकास के लिए हम लोगों की जो मांग है, उसपर काम कर रहे हैं। निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में यह मांग पूरी होगी। जमा खान ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के एनडीए मंत्रिमंडल में जितने भी नेता हैं सब लोग विचार-विमर्श कर रहें हैं। आने वाले दिनों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर रहेंगे। मुझे विश्वास है कि केन्द्र सरकार बिहार के लोगों के हित में इस फैसले को जरूर स्वीकार करेंगे।

महिलाएं अब पति से कैसे मांग पाएंगी गुजारा भत्ता?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब मुस्लिम तलाकशुदा महिलाएं सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकेंगी। इससे देश की मुस्लिम महिलाओं को अधिकार मिलेंगे। अब मुस्लिम महिलाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।

CrPC यानि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 में गुजारा भत्ता का जिक्र था हालांकि अब ये कानून खत्म हो गया है। अब CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानि  BNSS ने ले लिया है, जिसकी धारा 144 में भरण पोषण का प्रावधान है। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसके पास अपना भरण-पोषण करने के लिए पर्याप्त साधन हैं, वह पत्नी, बच्चों और माता-पिता को भरण-पोषण देने से इनकार नहीं कर सकता। BNSS के अलग-अलग खंडों में अलग-अलग स्थितियों में भरण पोषण की शर्तों का जिक्र किया गया। बता दें कि भरण-पोषण के दायरे में पति-पत्नी के अलावा माता-पिता और बच्चे (नाजायज बच्चों समेत) तक शामिल हैं।

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